scriptमॉडल स्टेशन में जान सांसत में बीमार यात्री की, डीआरएम बदलते गायब 108 एम्बुलेंस | In the model station, a sick passenger died, 108 ambulances missing by | Patrika News
रायपुर

मॉडल स्टेशन में जान सांसत में बीमार यात्री की, डीआरएम बदलते गायब 108 एम्बुलेंस

रायपुर. रेलवे के मॉडल स्टेशन में हजारों यात्रियों की जानें सांसत में हैं।

रायपुरMay 31, 2022 / 11:24 pm

Kamal Prakash Shukla

9 नवंबर से श्री गंगानगर एक्सप्रेस बंद

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इस भीषण गर्मी में यदि किसी यात्री की तबीयत खराब होने पर फिर उसका भगवान ही मालिक है। क्योंकि रेलवे अपने यात्रियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाला रवैया अख्तियार कर लिया है। नतीजा ये कि गुरुवार की रात करीब 8 बजे एक गर्भवती महिला यात्री प्लेटफार्म पर आधा घंटे तड़पती रही। उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई थी, परंतु रायपुर मॉडल स्टेशन में कोई सुविधा नहीं। शुक्र ये रहा कि गश्त पर निकले आरपीएफ के जवानों जिसमें महिला आरक्षक भी शामिल थीं, नजर पड़ते ही तड़पते हुए गर्भवती महिला के बारे में तुरंत 102 पर सूचना दी और उसे डॉ. अंबेडकर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया।
रायपुर मॉडल स्टेशन से हर रोज 40 से 50 हजार यात्री आवाजाही करते हैं। रेलवे के अफसर संरक्षा और रेल यात्रियों की सुविधा सर्वोपरि का दावा करते हुए थकते नजर नहीं आते। परंतु जमीनी हकीकत कुछ और है। हजारों रेल यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशन परिसर में एक एम्बुलेंस की पुख्ता व्यवस्था करने में रेल अफसरों की घोर लापरवाही उजागर हुई है। स्टेशन में कई दर्दनाक घटनाएं होने के बाद रायपुर मॉडल स्टेशन में आज से तीन साल पहले एक 108 एम्बुलेंस खड़ी करने की व्यवस्था तत्कालीन रेल मंडल प्रबंधक कौशल किशोर ने कराया था। इसके लिए उन्होंने बाकायदा स्टेशन के वीआईपी गेट के बाजू में 108 एम्बुलेंस खड़ी करने की जगह तय कर दी थी। ताकि किसी यात्री की तबीयत बिगड़ने पर उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सके। यह तय हुआ था कि शहर के किसी क्षेत्र में जरूरत पड़ने पर 108 एम्बुलेंस का परिचालन स्टेशन से ही होगा। परंतु वह एम्बुलेंस डीआरएम बदलते ही गायब हो चुकी है। इतना ही स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर प्राथमिक उपचार कक्ष भी बंद हो चुका है। हैरानी ये कि कोई जिम्मेदार रेल अफसर उस व्यवस्था का किसी भी तरह सुध लेना उचित नहीं समझा।
गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने का सफर, सुरक्षा जवानों की जुवानी


स्टेशन पोस्ट में पदस्थ उपनिरीक्षक भालेकर, महिला अधिकारी ऋतुजा, सहायक उपनिरीक्षक अरविंद सिंह एवं महिला आरक्षक अमर ज्योति साहू रात में गश्त पर निकले थे। जब वे प्लेटफार्म नंम्बर 1 के दुर्ग एडं की तरफ बढ़ रहे थे, तभी सीढी के पास एक गर्भवती महिला अत्यंत गंभीर अवस्था में पड़ी हुई दिखाई दी। तत्काल उक्त महिला अधिकरियों एवं स्टाफ ने उस गर्भवती को स्टेशन के मेडिकल स्टोर से प्राथमिक उपचार दिया और 102 को फोन सूचना देकर बुलवाया और डॉ. अंबेडकर अस्पताल में इलाज के लिए रवाना किया। उनका कहना है कि 25 वर्षीय गर्भवती जलांकाति महानंद के साथ उसका पति धनेश्वर महानदं भी था, जो कि बलांगीर ओडिशा का रहने वाला है। पूछताछ में उसने रायपुर स्टेशन अपने गृहनगर ओडिशा जाने के लिए आना बताया। तबीयत अत्यंत गंभीर होने की जानकारी दी।
तब डीआरएम थे कौशल किशोर
दर्दभरी दास्तान 2018-19 की है। तब रायपुर रेल मंडल के डीआरएम थे कौशल किशोर। मुंबई-हावड़ा मेल में सफर के दौरान रायपुर मॉडल स्टेशन के प्लेटफार्म 5 पर एक यात्री की तड़प कर जान चली। उस दौरान कोई डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचा था। इसी तरह बिलासपुर तरफ से आ रही ट्रेन में सवार एक यात्री की तबीयत बिगड़ने की घटना सिलतरा से पहले सामने आई थी। तब नानस्टॉप ट्रेन रायपुर आई और रेलवे की एम्बुलेंस बुलाकर पीडि़त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
फिर क्या हुआ था : 108 एम्बुलेंस 24 घंटे, फर्स्ट एड की भी व्यवस्था
स्टेशन और ट्रेन में यात्री की तबीयत बिगड़ने के मामले को तब डीआरएम कौशल किशोर ने गंभीरता से लिया। एक 108 एम्बुलेंस का परिचालन स्टेशन परिसर से हो, इसके लिए उन्होंने वीआईपी गेट के बाजू में एम्बुलेंस के लिए स्टैंड की जगह अलॉट किया। वह एम्बुलेंस जरूरत के हिसाब से भले ही कहीं आती-जाती रहे, परंतु खड़ी स्टेशन कैम्पस में होगी। ये शर्त थी।
दूसरा अहम कदम : प्लेटफार्म पर खुल गया था उपचार कक्ष
बात 16 फरवरी 2019 के दिन की। रायपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 1 पर इमरजेंसी मेडिकल प्राथमिक उपचार कक्ष कॉरपोरेट सोशल एक्टिविटी के तहत शुरू कराया। ताकि यात्रियों को प्राथमिक उपचार समय पर मिल सके। जैसे फर्स्ट एड देना, हार्ट अटैक के समय सीपीआर देना, फैक्चर होने पर चिकित्सा सुविधा देना इत्यादि। उस उपचार कक्ष का शुभारंभ स्वयं मंडल रेल प्रबंधक कौशल किशोर की उपस्थिति में रेलवे के सेवानिवृत्त चीफ फार्मेसिस्ट सीएच तिरुपति राव के हाथों करवाया था। इस अवसर पर नारायणा हॉस्पिटल के सीईओ डॉ. सुनील कुमार खेमका, एडीआरएम अमिताव चौधरी और रेलवे के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी चक्रवर्ती सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
अब डीआरएम हैं श्याम सुंदर गुप्ता, सबकुछ बदल गया

कौशल किशोर का तबादला होने के बाद रेल मंडल प्रबंधक बने श्याम सुंदर गुप्ता। इसके साथ ही स्टेशन की वह व्यवस्था भी बदल गई, जिसे चालू कराया था कौशल किशोर ने। जिस जगह पर 108 एम्बुलेंस खड़ी होती थी, उसका कहीं अता-पता ही नहीं है। उस जगह पर चारपहिया और दोपहिया वाहन जरूर खड़े नजर आते हैं। स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर जिस जगह प्राथमिक उपचार कक्ष संचालित हो रहा था, उस कक्ष में ताला लग चुका है। कॉरपोरेट सोशल एक्टिविटी के तहत उस कक्ष में बैठने वाले डॉक्टर और नर्स कहां चले गए, ये जानकारी रेलवे के अफसरों को भी अब नहीं है।
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यात्रियाें की सुविधा के लिए मॉडल स्टेशन परिसर में 108 एम्बुलेंस स्टैंड के लिए जगह मुहैया कराई गई थी। प्लेटफार्म 1 पर उपचार कक्ष भी खोला गया था, परंतु अब उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। रेलवे प्रशासन द्वारा पत्राचार की भी जानकारी नहीं है।
शंभू शाह, एसीएम, रायपुर रेल डिवीजन

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