आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश और बिहार स्थित निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के दस्तावेज छानबीन के लिए मंगवाए गए हैं। उसके रायपुर और दिल्ली स्थित सभी 8 ठिकानों पर जांच पूरी करने के बाद गुरुवार को टीम लौट गई है।
नौकरों को बनाया फर्म का मालिक
दस्तावेजों में फर्जी टैक्सटाइल मिल का गठन कर अपने घरेलू नौकरों और कर्मचारियों को इसका संचालक बनाया गया था। बिना खरीद-फरोख्त किए ही करोड़ों रुपए का उसे भुगतान भी किया जा रहा था। दस्तावेजों में 50 करोड़ रुपए की टर्नओवर वाली फर्म बताकर पिछले 8 वर्ष से टैक्स की चोरी की जा रही थी। कंपनी का फैक्ट्री, गोदाम, उत्पादन का कोई रेकॉर्ड तक नहीं रखा गया है।
बिना किसी के कपड़ा की आपूर्ति किए कर्मचारियों को वेतन से लेकर संचालन का खर्च किया जा रहा था। सडक़, ओवरब्रिज, बांध और पुल-पुलिया बनाने की शासकीय निविदा हासिल करने के लिए कंपनी द्वारा जानबूझकर करोड़ों रुपए का टर्नओवर दिखाया जाता था। इसकी आड़ लेकर बैंकों से कर्ज भी लिए जाने की जानकारी मिली है।