चार दिनों से कर रहे हैं ट्रैकिंग
नेशनल ट्रैकिंग टीम (National Tracking Team) में 23 सदस्य शामिल हैं। ( Guru Ghasidas National Park) गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में पहुंची टीम चार दिन तक ट्रैकिंग कर रही है। टीम को रोजाना 10 किलोमीटर का सफर तय करना है। इस बार की ट्रैकिंग टीम की खास बात यह है कि कुछ ट्रैकर परिवार सहित पहुंचे हैं। परिवार के साथ पहुंची लीना, पति संजय पुणे महाराष्ट्र, निजा व पुत्र ध्रुव हरियाणा सहित यशोवर्धन चतुर्वेदी गुड़गांव, स्टूडेंट्स श्रृति जैन दिल्ली, सुशांत नागपुर, मनीष अग्रवाल रायपुर, टी राजेश रेड्डी, मनोज बिश्वास, किशोर पटेल हैदराबाद, नबजीत दास व बेटा इंशात व पत्नी गौरी, अभिजीत दत्ता कोलकाता व बेटी ईशा व पत्नी मौसम, डॉ विक्रिम सिंह, दिल्ली (न्यूरो सर्जन) (neuro surgeon) सहित अन्य शामिल हैं।
ट्राइबल लाइफ स्टाइल (tribal life style), नेचर के प्रति रुचि बढ़ेगी
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान अफसरों ने बताया कि ट्रैकिंग का मुख्य उद्देश्य है, जीवन में प्रकृति, वन्यजीव और आदिवासी संस्कृति से परिचय कराना। ट्रैकर अपनी फैमिली के साथ बच्चों को लेकर भी पहुंच रहे हैं और प्रकृति को करीब से देख व समझ रहे हैं। जिससे बच्चे बड़े होकर प्रकृति को बचाने, संरक्षित करने को लेकर बेहतर काम कर पाएंगे।
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को इको टूरिज्म डेस्टिनेशन (Eco tourism destination to Guru Ghasidas National Park) के रूप में विकसित करने का प्रयास है। यह भारत का पहला ट्रैकिंग टैक है, जो किसी राष्ट्रीय उद्यान में बना हुआ है। इस साल 13वां बैच पहुंचा है। जिसमें करीब 300 ट्रैकर शामिल हैं।
-आर रामाकृष्णा वाय, डायरेक्टर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, कोरिया
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को इको टूरिज्म डेस्टिनेशन (Eco tourism destination to Guru Ghasidas National Park) के रूप में विकसित करने का प्रयास है। यह भारत का पहला ट्रैकिंग टैक है, जो किसी राष्ट्रीय उद्यान में बना हुआ है। इस साल 13वां बैच पहुंचा है। जिसमें करीब 300 ट्रैकर शामिल हैं।
-आर रामाकृष्णा वाय, डायरेक्टर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, कोरिया