scriptपितरों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए जरूरी है इंदिरा एकादशी व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि | Indira Ekadashi 2020: Indira Ekadashi today, Shubh muhurat, Puja Vidhi | Patrika News
रायपुर

पितरों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए जरूरी है इंदिरा एकादशी व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2020) व्रत रविवार को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को यह व्रत किया जाता है। वैसे तो हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को व्रत किया जाता है।

रायपुरSep 13, 2020 / 01:46 pm

Ashish Gupta

Indira Ekadashi 2020 Vishnu Puja Vidhi Shubh Muhurt Vrat Katha

Indira Ekadashi 2020 Vishnu Puja Vidhi Shubh Muhurt Vrat Katha

बिलासपुर. इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2020) व्रत रविवार को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को यह व्रत किया जाता है। वैसे तो हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को व्रत किया जाता है। लेकिन कहते हैं कि इंदिरा एकादशी पितृपक्ष के दौरान आती है इसलिए इसका महत्व बहुत अधिक है।
ज्योतिर्वेद नीरज द्विवेदी (शास्त्री) ने बताया कि इंदिरा एकादशी व्रत पितरों की मुक्ति और गति की कामना से किया जाता हैं। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है उसके पितरों को इसके फल से मोक्ष की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि भगवान विष्णु ही जीवों को मुक्ति दिला सकते हैं। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना और व्रत भी मुक्ति और भगवत दर्शन की कामना से किया जाता है। इस व्रत को सभी व्रतों में सबसे पावन माना जाता है।
एकादशी का मुहूर्त
इंदिरा एकादशी शुभ मुहूर्त आरंभ रविवार को सुबह 4 बजकर 13 मिनट से सोमवार को सुबह 3 बजकर 16 मिनट तक है।

पूजा विधि
द्विवेदी ने बताया कि एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नानादि कर पवित्र हो जाएं। साफ कपड़े पहनें। पूजन स्थल को साफ करें। गंगाजल से उस स्थान को पवित्र करें। एक चौकी लें। उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। कुमकुम से उस कपड़े पर स्वास्तिक बनाएं। भगवान गणेश को प्रणाम कर उनका मंत्र ओम गणेशाय नम: बोलते हुए स्वास्तिक पर फूल और चावल चढ़ाएं। भगवान विष्णु की प्रतिमा को चौकी पर विराजित करें। उनके मस्तक पर चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं। दीपक जलाएं। भगवान विष्णु को पीले फूलों की माला अर्पित करें। साथ में तुलसी का पत्ता भी चढ़ाएं। भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए उन्हें प्रणाम करें।
इसके बाद विष्णु चालीसा, विष्णु स्तुति और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। एकादशी के दिन भगवान विष्णु के नाम या मंत्रों का जाप करने से अनेक गुणा फल मिलता है। इसलिए अगर संभव हो तो उनका अधिक से अधिक नाम लें और मंत्रों का जाप करें। फिर विष्णु जी की आरती कर उन्हें फलों का भोग लगाएं। इसी तरह संध्या आरती भी करें। शाम के समय तुलसी जी के सामने दीपक जरूर जलाएं।

Home / Raipur / पितरों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए जरूरी है इंदिरा एकादशी व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो