यह प्रदेश के 4 जिले अंबिकापुर, रायपुर, जगदलपुर और राजनांदगांव में लगाया है। अगले सीजन तक आकाशीय बिजली की अग्रिम चेतावनी मिलने और लोकेशन ट्रेस का सिस्टम डिवेलप होने की संभावना है। जो सेंसर लगाया गया है वह 300 किलोमीटर के दायरे में आकाशीय बिजली और उसकी तीव्रता का अध्ययन कर रहा है. छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और इसरो की मदद से इस परिसर चल रहे हैं। इस सिस्टम के जरिए 45 मिनट पहले ही बिजली गिरने स्थान का पता लगाया जाएगा।
इसके लिए टोटल लाइटिंग अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित किया गया है। अभी प्रदेश के 6 जिलों में एक तरह के सेंसर को स्थापित किया गया है। कई राज्यों में पहले से स्थापित: लाइटिंग डिक्टेशन सिस्टम एंड प्रॉपर सिस्टम का लाभ उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और बिहार को मिल रहा है। इस सिस्टम के जरिये प्रभावित इलाकों में पहले ही अलर्ट कर दिया जाता है।