चलती बस में मुंह धोना, थूकना, गंदगी फैलाना, शराब, गुटखा, तंबाकू के प्रयोग पर प्रतिबंध रहेगा। यात्रा के दौरान चालक परिचालक के साथ ही सभी को अनिवार्य रूप से मास्क पहनने, बसों के नियमित रूप से सैनिटाइज करने व केबिन में किसी को भी प्रवेश नहीं देने के निर्देश दिए गए हैं। केबिन को पूरी तरह से बंद रखने प्लास्टिक की पन्नी का उपयोग करने कहा गया है।
राज्य सरकार के आदेश के बाद भी ऑपरेटरों ने बसों का संचालन करने पर असमर्थता जताई है। साथ ही 6 माह का टैक्स माफ करने, किराया बढ़ाने, नॉन यूज बसों को बिना टैक्स लिए खड़ी करने की अनुमति देने और स्लीपर बस का टैक्स एक सीट का लेने की मांग की गई है। इसे पूरा करने पर ही बसों को संचालन करने का निर्णय लिया है। वहीं अपनी मांग को लेकर शासन पर दबाव बनाया है।
छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ और बस ऑनर्स एशोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि मांग पूरी होने पर ही वह बसों का संचालन करेंगे। राज्य सरकार द्वारा जिले के अंदर और एक जिले से दूसरे जिले के लिए बसों के संचालन की अनुमति दी। यात्री, ड्राइवर और कंडक्टर मास्क पहनेंगे। बस में गुटखा, तम्बाकू और धूम्रपान करना प्रतिबंधित रहेगा। ड्राइवर-कंडक्टर की ड्यूटी बारी-बारी से कराने और रोजाना सेनिटाइज करना अनिवार्य कर दिया गया है। बस मालिकों द्वारा इससे इंकार किए जाने और मांग रखने से पूरा मामला अटक गया है।