हालांकि अधिकांश पटवारी, लिपिक, शिक्षक सहित अन्य के प्रकरण हैं। वहीं 3 आईएएस, 3 आईपीएस, एक आईएफएस सहित 4 राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी शामिल हैं। बताया जाता है कि इसमें से अधिकांश के खिलाफ जांच पूरी करने के बाद चालान पेश किया जा चुका है। संबंधित कोर्ट में उनके खिलाफ सुनवाई चल रही है। हालांकि इसमें मध्यप्रदेश के समय के कई मामले लंबित है, जिनकी अब तक अभियोजन स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
खत्म हो रहा खौफ
जांच की प्रक्रिया लंबी चलने, कानूनी दांव-पेच में उलझने के चलते उन्हें संदेह का लाभ भी मिल रहा है। वहीं अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण भी जांच प्रभावित हो रही है। जबकि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचारियों के पकड़े जाने पर उनकी संपत्ति राजसात करने का आदेश पारित किया गया था। लेकिन, जमीनी स्तर पर एक भी कार्रवाई नहीं होने के चलते भ्रष्टाचार करने वालों में डर नहीं रहा।
ताबड़तोड़ कार्रवाई
मिली जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा 217 प्रकरण 2014 से 2018 के बीच दर्ज किए गए। इस दौरान तलाशी में 2 अरब 7 करोड़ 47 लाख 72000 रुपए की चल-अचल संपत्तियां बरामद की गई। इसमें रिश्वत लेने के प्रकरणों की संख्या ज्यादा है। इन भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
32 वर्ष की सजा मिली
आय से अधिक संपत्ति मामले में 2014 में तत्कालीन छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के उपायुक्त दिलीप कुमार दीवान के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था। एसीबी और ईओडब्ल्यू ने शिकायत मिलने पर उनके ठिकानों पर दबिश दी। इस दौरान 39 लाख नगद और 5 करोड़ से ज्यादा की बेहिसाब संपत्ति मिली थी। इसकी जांच करने के बाद रायपुर के विशेष कोर्ट में चालान पेश किया था। इस दौरान कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 32 वर्ष के कारावास और 2.5 करोड़ के जुर्माना की सजा सुनाई थी।
शिकायतों का अंबार
भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ शिकायत करने के लिए दिसंबर 2020 में टोल फ्री नंबर 1064, वाट्सऐप नंबर 8839345960 और ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। इसमें शिकायत करने पर एसीबी और ईओडब्लू की टीम जांच करने के बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेगी। बताया जाता है कि ऑनलाइन व्यवस्था करने के बाद गोपनीय शिकायतों का अंबार लग गया है। जांच एजेंसी की टीम इसके परीक्षण के साथ ही इसके वास्तविकता की पतासाजी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि रिश्वत मांगने और आय से अधिक संपत्तियों की हर महीने 500 से ज्यादा शिकायतें आ रही हैं।