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रायपुर

आपके समोसे का स्वाद बढ़ाएंगे इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर के साइंटिस्ट

अंतर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र का प्रतिनिधि मंडल पहुंचा रायपुर

रायपुरFeb 28, 2020 / 12:34 am

Tabir Hussain

आपके समोसे का स्वाद बढ़ाएंगे इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर के साइंटिस्ट

राज्य में 45 हजार हेक्टेयर में आलू का उत्पादन किया जा रहा है जिसकी आवश्यक उत्पादकता 15 टन प्रति हेक्टेयर से अधिक है.

ताबीर हुसैन @ रायपुर. जब तक रहेगा समोसे में आलू, तेरा रहूंगा ओ मेरी शालू। शालू किसी की रहे न रहे लेकिन छत्तीसगढ़ में आलू के दिन संवरने वाले हैं। दरअसल यहां आलू की संभावनाओं को देखते हुए इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर की निगाहें मेहरबान हो गई हैं। अंतर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र, लीमा, पेरू छत्तीसगढ़ में आलू एवं शकरकंद के अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहयोग करेगा। राज्य शासन, अंतर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आलू एवं शकरकंद के रिसर्च, स्टोरेज और डेवलपमेंट पर रजामंदी हुई है। दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र के प्रतिनिधि मंडल ने यहां की आलू अनुसंधान परियोजना को करीब से जाना। यहां के वैज्ञानिकों द्वारा उन्हें बताया गया कि परियोजना के तहत रायपुर व मैनपाट में अनुसंधान कार्य संचालित हैं जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। विवि द्वारा छत्तीसगढ़ शकरकंद प्रिया, छत्तीसगढ़ शकरकंद नारंगी, इंदिरा नंदिनी, इंदिरा मधुर एवं इंदिरा नवीन किस्में विकसित की गई हैं जिनमें पोषक तत्व उच्च मात्रा में मौजूद हैं। अंतर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र के वैज्ञानिकों ने विश्वविद्यालय की अधोसंरचनाओं एवं अनुसंधान क्षमताओं का जायजा भी लिया।

खत्म हो जाते हैं न्यूट्रिशन
शकरकंद के चिप्स या पावडर बनाकर स्टोर करने पर इसका न्यूट्रिएशन खत्म हो जाता है। इसका अवलेह बनाकर पोषकता संरक्षित की जा सकती है। च्यवनप्राश के रूप में इस अवलेह का एक चम्मच खिलाने से बच्चों की विटामिन व आयरन की जरूरत पूरी की जा सकती है। छत्तीसगढ़ में आलू उत्पादन की व्यापक संभावनाएं हैं।

जरूरत से ज्यादा उत्पादन
राज्य में 45 हजार हेक्टेयर में आलू का उत्पादन किया जा रहा है जिसकी आवश्यक उत्पादकता 15 टन प्रति हेक्टेयर से अधिक है। छत्तीसगढ़ के नदियों एवं तालाबों के आस-पास की कछारी मिट्टी तथा मटासी मिट्टी आलू उत्पादन के लिए उपयुक्त है। इसी प्रकार सरगुजा संभाग की अधिकतर मिट्टीयों में आलू का उत्पादन सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

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