अच्छे से हो जाएगा कार्यक्रम
पत्रिका ने पत्र को लेकर चर्चा की तो फेडरेशन के अधिकारियों ने बताया, कि पत्र बैंकों को और निजी संस्थाओं को पार्टनर बनाने के लिए लिखा गया है। उन पर किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाया गया है। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर का है। हमें शासन से इसका बजट भी मिल गया है। यदि बैंक या कोई निजी संस्था हमारी पार्टनर बनेगी तो कार्यक्रम और अच्छा किया जा सकेगा।
एमडी के नाम से जारी हुआ है पत्र
बैंक अधिकारियों ने पत्रिका को सीजीएमएफपी कॉपरेटिव फेडरेशन (CGMFP Cooperative Federation) से जारी पत्र मुहैय्या कराया है। इस पत्र में पार्टनर बनने और 25 लाख रुपए देने जैसी बातों का उल्लेख भी है। सूत्रों के अनुसार सरकारी पैसों को जिन 13 बैंकों में रखा गया है, उन्हें पत्र लिखा गया है। परंतु बैंक का सीएसआर फंड के तहत भी कोई इतनी बड़ी रकम देने के लिए तैयार नहीं है। जानकारी के मुताबिक अपने लाभांश का कुछ परसेंट सीएसआर मद में बैंक खर्च करने तैयार है पर मिलेटस सीएसआर में शामिल ही नहीं है तो सभी बैंक कतरा रहे हैं।