राज्य नोडल अधिकारी एनआईडीडीसीपी डॉ. कमलेश जैन ने पत्रिका को बताया कि आयोडीन की कमी से थाइराइड अल्पता, घेंघारोग, गर्भास्थ बच्चे का पूर्ण मानसिक विकास न होना, गुंगापन, बहरापन जैसी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आयोडीन की कमी को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मानक का आयोडीन नमक राज्यों द्वारा खरीदा जाता है। इसकी आपूर्ति राज्य सरकार के विभाग द्वारा की जाती है।
राशन दुकानों से भी इसका वितरण किया जाता है। इसलिए परीक्षण जरूरी है।डॉ. जैन का कहना है कि हर साल जांच की जाती है, ताकि जिस नमक के सैंपल में आयोडीन की कमी पाई उन्हें सूचित किया जाता है। इसका उ²ेश्य आयोडीन की जांच, और आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम करना है।