संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने बताया, कि संघ सेवावृद्धि एवं सेवा से पृथक करने का भय समाप्त करने, वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने, विगत कुछ वर्षों में सेवा से पृथक किए गए कर्मचारियों को सेवा में बहाल करने, शासकीय- अर्धशासकीय कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी-अधिकारियों को नियमित करने, आउट सोर्सिंग-ठेका प्रथा पूर्ण रूप से बंद कर शासकीय सेवक का दर्जा देने की मांग प्रमुख है।
अनियमित कर्मचारियों की आज हड़ताल खत्म हो जाएगी। आपको बात दें कि सरकार को मनाने के लिए गुरुवार को हड़ताली कर्मचारियों ने 1001 कांवर में महादेव घाट स्थित मंदिर में जल चढ़ाने का संकल्प लिया गया था, जिसकी विधिवत सूचना प्रशासन को दी गई थी। जबकि प्रशासन ने केवल 51 कांवर ले जाने की ही अनुमति प्रदान की है। आज महादेव ने उनकी मुराद को सुनने के बाद सरकार ने उनकी मांगों पर सहमति बन गई। हालांकि इस मामले में सरकार और कर्मचरियों के बीच विवाद के बाद इस पर महासंघ के उपाध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने कहा था, कि सरकार हमारे धार्मिक अधिकारों का भी हनन करना चाह रही है।