चैत्र नवरात्रि: इस बीज मंत्र से करें मां स्कंदमाता की उपासना, भोग में चढ़ाएं ये फल
नवरात्र पर्व की प्रतिपदा तिथि पर मनोकामना घट स्थापना के साथ जंवारा बोये थे, वह अंकुरित होकर अब लहराने लगा है। नौ दिनों तक माता की उपासना करने वाले जंवारा का अधिक उत्सव मनाते हैं। यानि कि माता रानी की ज्योत के पास फुलवारी सजाने की परंपरा है। जिसे ग्रामीण अंचलों में माता की महिमा गान कर मनाते हैं।
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जंवारा माता को सबसे अधिक प्रिय
पंडितों के अनुसार जिस तरह भगवान विष्णु को तुलसी, शिव को बिल्वपत्र, गणेशजी को दूर्वा, श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री व हनुमानजी को सिंदूर प्रिय है, उसी तरह मां भगवती को प्रकृति पूजा की प्रतीक जंवारा सबसे अधिक प्रिय है। इसीलिए माता के भक्त प्रतिपदा तिथि पर मनोकामना घट स्थापना के साथ ही जंवारा बोकर उपासना करते हैं। जिसे बाजे-गाजे के साथ नवमी तिथि पर विसर्जित करते हैं।