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रायपुर

कैंसर से लड़ते हुए भिलाई की जया गुप्ता ने हासिल कर लिया एमबीए में गोल्ड

नम आंखों से पैरेंट्स बोले, नाज है हमारी बिटिया पर

रायपुरApr 11, 2018 / 12:46 pm

Tabir Hussain

iim raipur gold medalist 2018
ताबीर हुसैन @ रायपुर . यह कहानी है भिलाई की जया गुप्ता की। गोल्ड मेडलिस्ट आइआइएम रायपुर। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन एक सपना था कि एमबीए करने का। इस बीच जया की शादी हो गई। गृहस्थी में रम गईं, लेकिन एमबीए का ख्वाब दिल की धड़कन के साथ धड़कता रहता था। शादी के १७ साल बाद कैट का एग्जाम दिया और 2015 में आइआइएम रायपुर में दाखिला लिया। शायद वक्त को कुछ और मंजूर था। इसी बीच जया को पता चला कि उसे ब्रेस्ट कैंसर है। यह पता चलते ही मानो पैरों तले जमीन खिसक गई। तरह-तरह के ख्याल आने लगे। पढ़ाई छोडऩी पड़ी। इलाज के लिए मुंबई जाना पड़ा। लेकिन जज्बे के आगे भला किसकी चली है। अगले साल आइआइएम मैनेजमेंट से बात कर रीज्वाइन किया और अपने ड्रीम को हासिल करके ही दम लिया। मंगलवार को उन्हें आइआइएम के दीक्षांत समारोह में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने गोल्ड मैडल से नवाजा। 

उम्मीद नहीं पूरा यकीन था
जया कहती हैं कि मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा यकीन था अपने गोल को अचीव करने का। मैंने पल-पल इस ख्वाब को जीया है। मेरी खुशी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मैं भूल जाती हूं कि मुझे ब्रेस्ट कैंसर है। सपनों का पूरा होना एक अलहदा सुकून देता है।

परिवार और मैनेजमेंट का मिला सपोर्ट
जया ने बताया कि बीमारी के दौरान परिवार और आइआइएम मैनेजमेंट का बहुत सपोर्ट रहा। मुंबई के ब्रीचकैंडी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान कीमो थैरेपी भी हुई। पढ़ाई के दौरान बीच-बीच में तबीयत खराब हो जाया करती थी। हर तीन महीने में चेकअप के लिए मुंबई जाना पड़ता था। अभी एक ऑपरेशन हुआ है और दो महीने बाद एक और ऑपरेशन होना है। जबकि इलाज अभी पांच साल चलेगा। दीक्षांत समारोह में शामिल होने सीेधे मुंबई से आईं हूं।

iim raipur gold medalist 2018

गर्व हो रहा है अपनी बिटिया पर 

जया गुप्ता ने कैंसर जैसी बीमारी को मात देते हुए पीजीपीडब्ल्यूइ में गोल्ड मैडल अचीव किया। उनके पैरेंट्स बीके-मंजू अग्रवाल ने नम आंखों से कहा कि हमें अपनी बिटिया पर गर्व हो रहा है। जिन हालातों में इसने एग्जाम की तैयारी वह दुखद था लेकिन आज गोल्ड मिलता देखकर हम सारी बातों को भूल चुके हैं। हम लोगों को यही संदेश देना चाहते हैं कि अपने बच्चों के सपनों में जीयें। उनके गोल पर यकीन रखें। उन्हें समझें।
iim raipur gold medalist 2018
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