जोगी ने भूपेश सरकार को दिए सुझाव: बोले- खरीदी केन्द्रों से उठाव नहीं इसलिए “काम के बदले अनाज योजना” में खपाए धान
जोगी ने कहा कि केन्द्र अवशेष धान या उससे तैयार चावल नहीं लेगा। धान की 2500 रूपए क्विंटल में खरीद होने के कारण इसकी नीलामी भी संभव नहींं है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने परिवहन में कुप्रबन्धन के कारण खरीद केन्द्रों से उठाव नहीं होने के कारण वर्षा आदि से करोड़ो के धान के अंकुरित होने का आरोप लगाया।
जोगी ने प्रश्नोत्तरकाल में यह मामला उठाते हुए पूरक प्रश्नों में कहा कि महासमुंद जिले में तो खरीद केन्द्रों से महज 38-40 प्रतिशत धान का उठाव हुआ है। वर्षा आदि से 50 से 60 करोड़ का धान अंकुरित हो गया है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि धान खरीद केन्द्रों से 75 प्रतिशत धान का उठाव हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस बार रिकॉर्ड धान की खरीद हुई हैं, इस कारण उठाव में थोड़ा विलम्ब होना स्वाभाविक है।
उन्होंने करोड़ो के धान अंकुरित होने को गलत बताते हुए कहा कि खरीद शुरू होने के साथ ही रखरखाव के लिए समितियों को निर्देश जारी कर दिए गए थे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय पूल में चावल देने तथा पीडीएफ की जरूरतों के बाद नौ लाख 82 हजार मिट्रिक टन धान शेष बचेगा। इसको भी केन्द्रीय पूल में लिए जाने के लिए केन्द्र को पत्र लिखा गया है।
जोगी ने कहा कि केन्द्र अवशेष धान या उससे तैयार चावल नहीं लेगा। धान की 2500 रूपए क्विंटल में खरीद होने के कारण इसकी नीलामी भी संभव नहींं है। उन्होंने कहा कि “काम के बदले अनाज योजना” के तहत इसका बेहतर उपयोग किया जा सकता है। उनके शासनकाल में इसके अच्छे परिणाम मिले थे। मंत्री ने कहा कि अवशेष धान के निराकरण के लिए सरकार चिन्तित है। इस बारे में तमाम उपायों पर वह विचार कर रही है।
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