हिदायतुल्ला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. सुखपाल सिंह की नियुक्ति और कार्यावधि बढ़ाने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। मामला कोर्ट तक पहुंच गया था। हाईकोर्ट ने सुखपाल सिंह की कार्यावधि बढ़ाने को विधिसम्मत नहीं मानते हुए उन्हें हटाने का आदेश जारी किया था।
लेकिन सुखपाल सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेकर फिर से कुलपति पद संभाल लिया था। इसके खिलाफ छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया। छात्र-छात्राओं ने भूख हड़ताल भी की और उन्हें हटाने पर अड़े रहे। इसके बाद कुलाधिपति व मुख्य न्यायाधीश ने सुखपाल सिंह को इस्तीफा देने को कहा। सुखपाल सिंह ने सोमवार को इस्तीफा दिया, जिसे मंजूर कर लिया गया।
पहली बार बनाए गए स्थानीय कुलपति
जस्टिस सी.बी. वाजपेयी हाईकोर्ट के न्यायाधीश रहे हैं। वे इसी वर्ष जनवरी में सेवानिवृत्त हुए हैं। वे बिलासपुर के निवासी हैं और उनकी शिक्षा भी यहीं हुई है। विधि विवि के शुरू होने के बाद ये पहला अवसर होगा, जब किसी स्थानीय व्यक्ति को कुलपति बनाया गया है।
हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में काफी दिनों से कुलपति को हटाने की मांग को लेकर स्टूडेंट्स द्वारा प्रदर्शन व भूख हड़ताल की जा रही थी। जिसके परिणाम स्वरूप विधि विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपना इस्तीफा दे दिया।
हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में लगातार कलह के बीच कुलपति डॉ. सुखपाल सिंह ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मुख्य न्यायाधीश ए.के. त्रिपाठी ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। बता दें कि कुलपति सुखपाल सिंह को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बर्खास्त कर दिया था, जिसके खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। शीर्ष कोर्ट ने उन्हें बहाल करते हुए कुलपति का कार्यभार सौंपने का फैसला सुनाया था। उन्होंने 25 सितम्बर को फिर से कार्यभार संभाल लिया। जिससे लॉ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने भूख हड़ताल शुरू किया था।