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रायपुर

सालों बाद दिखा खारून का यह विकराल रूप, लक्ष्मण झूला बंद, सडक़ों पर नाव से कर रहे सफर

खारुन के विसर्जन घाट के खाली मैदान से लेकर पाथवे और महादेवघाट तरफ की सीढियों के ऊपरी सतह पूरी तरह से जलमग्न रहे

रायपुरAug 29, 2018 / 10:57 am

Deepak Sahu

kharun nadi

सालों बाद दिखा खारून का यह विकराल रूप, लक्ष्मण झूला बंद, सडक़ों पर नाव से कर रहे सफर

रायपुर . राजधानी की जीवन रेखा खारुन नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुच गई है। नदी में पानी 15 मीटर की सीमा से ऊपर बह रहा है। इस वजह से नदी के बीचोबीच 6 करोड़ रुपए की लागत से जो लक्ष्मण झूला बनाया गया था, उसे मंगलवार को बंद कर दिया गया। किसी को झूले पर चढऩे की इजाजत नहीं दी रही थी।

दोपहर 1.40 बजे के आसपास खारुन नदी की लहरें 30 साल पुरानी पुल के ऊपर तक हिलोरे मारने लगी थीं। वहीं खारुन के विसर्जन घाट के खाली मैदान से लेकर पाथवे और महादेवघाट तरफ की सीढियों के ऊपरी सतह पूरी तरह से जलमग्न रहे। खारुन के विकराल स्वरूप को देखते हुए नाविकों ने नाव बेरिकेड्स के बाहर रख दिए।

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भाठागांव-खुरमुड़ा घाट पुल के करीब जलमग्न

भाठागांव-खुरमुड़ा घाट पुल का पूर्वी हिस्सा पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। उसके आसपास के बाडि़यां दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही थीं। लेकिन पुल से आवागमन जारी रहा। 70 वषीय सुखदेव साहू ने बताया कि पांच से छह साल पहले एेसा ही नजरा देखने को मिला था। उस दौरान नदी का विसर्जन घाट पूरी तरह से डूब गया था।

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