5 लाख रुपए का ‘न्यायिक समय खर्च : मुकदमा निपटने में आठ साल लगने से खफा आयोग के न्यायिक सदस्य एनपी कौशिक ने कहा यदि गणना करें तो इस मामूली मुकदमे पर 5 लाख से ज्यादा कीमत का न्यायिक समय खर्च हो गया। यह बेहद ही पीड़ादायक है।
सेल्स पर्सन पर भरोसा, दोबारा नहीं परखा : किस्से की शुरुआत 2008 से हुई। अपनी शादी से कुछ दिन पहले यह महिला अपने होने वाले पति के साथ चांदनी चौक स्थित मशहूर शोरूम गईं। यहां ट्रायल के दौरान मनपसंद लहंगे की लंबाई दो इंच कम निकली। साथ ही उसकी गोलाई भी समान नहीं थी। शोरूम के सेल्स पर्सन ने दोनों कमियां दूर कर तय तारीख से पहले पहुंचाने का वादा किया। लहंगा पहुंचा पर ठीक शादी वाले दिन दोनों कमियां ज्यों की त्यों निकलीं।
हाइट बढ़ाने के लिए बेमेल कपड़ा जोड़ा
इन कमियों की शिकायत करने पर शोरूम मैनेजर ने कहा कि काम ज्यादा और कारीगर कम होने की वजह से लहंगा ठीक नहीं हो पाया। इसके बाद जब लहंगे की ऊंचाई बढ़ाने के नाम पर उसमें एक बेमेल कपड़े का टुकड़ा जोड़ दिया। जिससे लहंगे को पहनने लायक नहीं छोड़ा। इसके बाद ही महिला ने दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में वाद दायर किया। हालांकि, इस लड़ाई को लडऩे में महिला को भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ी।
इन कमियों की शिकायत करने पर शोरूम मैनेजर ने कहा कि काम ज्यादा और कारीगर कम होने की वजह से लहंगा ठीक नहीं हो पाया। इसके बाद जब लहंगे की ऊंचाई बढ़ाने के नाम पर उसमें एक बेमेल कपड़े का टुकड़ा जोड़ दिया। जिससे लहंगे को पहनने लायक नहीं छोड़ा। इसके बाद ही महिला ने दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में वाद दायर किया। हालांकि, इस लड़ाई को लडऩे में महिला को भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ी।