न्यू स्वागत विहार में प्लाट खरीदने वाले हजारों लोग इस कदर फंसे हुए कि, उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है। मामला साल-दर-साल आगे खिसक रहा है। शासन-प्रशासन के तरफ से भी मामले को सुलझाने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। जबकि रद्द किए गए लेआउट को बहाल करने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश को आठ महीने बीतने को है। 45 से 60 दिनों में निराकरण करना था, लेकिन फाइल केवल बिल्डर के उत्तराधिकारियों को नोटिस जारी करने तक ही आगे बढ़ पाई है। स्थिति यह है कि इतने दिनों में स्वागत विहार का नए सिरे से सीमांकन, बटांकन के साथ नक्शा तक प्रस्तुत नहीं किया जा सका।