कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों से चर्चा में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से बताए गए जीवन कौशल को आधार बनाते हुए अपराजिता फाउडेंशन ने सैकड़ों से अधिक वीडियो कार्यक्रम बनाए है। इनमेें अनेक जीवन कौशलों के विकास की प्रक्रिया और उनके प्रयोग करने की विधि सुझाई गई है। उन्होंने बताया कि अपराजिता फाउेंडशन के जीवन कौशल का यह कार्यक्रम हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उतराखंड, झारखंड, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान आदि में संचालित हुआ है। जिसके बहुत सकारात्मक परिणाम सामने आए है।
समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश ने बताया कि जीवन कौशल में वह योग्यताएं निहित है जो हर व्यक्ति के भीतर विकसित होनी चाहिए। यह व्यक्ति को जीवन की चुनौतियों का सामना करने और स्वस्थ, प्रसन्न, रचनात्मक तथा संतुष्ट जीवन के अवसरों की आशा जगाने के लिए समर्थ बनाती है। जीवन कौशलों को प्रभावी रूप से शैक्षिक प्रक्रमों के साथ एकीकृत कर ही इसको सही अर्थो में लागू कर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।