स्वास्थ्य विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि गत दिनों सर्वे किया गया था। कर्मचारियों के अभाव के कारण सर्वे के दौरान मिले बहुत से लोगों की अब तक कोरोना जांच नहीं हो पाई है। लॉकडाउन में सर्वप्रथम उनकी जांच की जाएगी। सर्दी, खांसी, बुखार व सांस में तकलीफ होने के बावजूद बहुत से लोग कोरोना की जांच नहीं करा रहे हैं। बिना डॉक्टरों की सलाह के घर में रहकर खुद ही अपना इलाज कर हैं।
ऐसे लोगों को भी चिह्नित किया जाएगा। ए सिम्टोमैटिक मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम जब घर-घर पहुंचेगी तो परिजनों से इस बात की भी जानकारी लेगी कि मरीजों को जो दवा का किट मिला है, उसका इस्तेमाल सही ढंग से किया जा रहा है कि नहीं।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर घबराने या छुपाने की जरूरत नहीं है। शुरूआत में ही कोविड-19 की पहचान और इलाज शुरू होने से जल्द संक्रमण को खत्म किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए जांच हेतु सैंपल देते समय अपना पूरा पता और मोबाइल नंबर सही सही दर्ज करने की भी अपील की है।