माओवादी गतिविधियों को देखते हुए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इन सभी जवानों को एक्शन मोड में रहने के लिए कहा गया है। साथ ही लगातार गश्त करने के निर्देश दिए गए है। बता दें कि प्रथम चरण में बस्तर जिले एक सीट पर 11 अप्रेल को मतदान होना है। ऑपरेशन से जुड़े अफसरों ने बताया कि बस्तर लोकसभा के सभी 8 विधानसभा क्षेत्र में जमीन से लेकर आसमान से निगरानी की जाएगी। इसके लिए पैरामिलेट्री फोर्स को अंदरूनी इलाकों में तैनात कि या जाएगा। साथ ही पांच हेलीकॉप्टर भी चुनाव आयोग से मांगे गए है।
तैनात रहेंगे सुरक्षा बल
माओवादी मोर्चे पर तैनात फोर्स – 25000
चुनाव के लिए तैनात केंद्रीय फोर्स – 20000
राज्य पुलिस के जवान – 13000
कोटवार, होमगॉर्ड, वनरक्षक एवं अन्य – 7000
सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था
बस्तर रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि माओवादी गतिविधियों को देखते हुए निर्वाचन आयोग के निर्देश पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। सभी जवानों को प्रशिक्षण के बाद संबंधित इलाकों में रवाना किया जा रहा है।
बस्तर में 100 से अधिक संवेदनशील केन्द्र
बस्तर में पहले चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए 11 अप्रेल को मतदान होगा। इसके लिए कुल 1878 मतदान केन्द्र बनाए गए है। इसमें 100 से अधिक संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्र हैं। इन मतदान केंद्रों में 2 लाख 98 हजार 83 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। बता दें कि बस्तर में माओवादी गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बारूदी सुरंग के खतरे को देखते हुए प्रशिक्षित खोजी कुत्ते, अत्याधुनिक बम डिटेक्टर सिस्टम के साथ जवान लगातार सर्चिंग कर रहे है।