यह है उम्मीदवारी का गणित
प्रतिमा चंद्राकर : प्रतिमा चंद्राकर दुर्ग जिले की राजनीति के पितामह कहे जाने वाले वासुदेव चंद्राकर की बेटी हैं। मजबूत पारिवारिक पृष्ठभूमि और क्षेत्र में सक्रियता उनकी बड़ी ताकत है। कुर्मी समाज से आती हैं, करीब 20 प्रतिशत वोट इस वर्ग के हैं। सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मुले से कांग्रेस ने 11 उम्मीदवारों में प्रतिमा को कुर्मी समाज के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल किया है। दो बार विधायक रह चुकी हैं। 2013 का चुनाव मामूली अंतर से हारी थीं। 2018 के चुनाव में दुर्ग ग्रामीण से प्रतिमा को ड्रॉप कर ताम्रध्वज साहू को लड़ाया गया था। उस समय ही शीर्ष नेतृत्व ने प्रतिमा को संसदीय चुनाव में उतारने का वादा किया था।
इन वजहों से अटकी थी घोषणा
दुर्ग: दुर्ग से सांसद रहे प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू यहां से अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे थे। उनका दावा क्षेत्र में साहू समाज के 22 प्रतिशत मतदाताओं की एकजुटता पर था। कहा जा रहा है कि वे इस टिकट के जरिए मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की टीस मिटाना चाहते थे। वहीं, राहुल गांधी ने प्रतिमा चंद्राकर को मौका देने का वादा कर रखा था।