scriptबदहाली: कचहरी चौक में बड़ा हादसा टला, शहर के संकरे चौराहों में बनी रहती है दुर्घटना की आशंका | major accident averted in Kachari Chowk broken roads in janjgir champa | Patrika News
रायपुर

बदहाली: कचहरी चौक में बड़ा हादसा टला, शहर के संकरे चौराहों में बनी रहती है दुर्घटना की आशंका

शहर के चौक-चौराहों में अव्यस्था का अम्बार लगा हुआ है। जिला बनने के इतना सालों बाद भी आज तक इसका कोई उपाय नहीं निकल सका है।
 

रायपुरJul 07, 2022 / 05:59 pm

Vinayak Singh

road accident

जांजगीर-चांपा। शहर के चौक-चौराहे कहने भर को चौराहे हैं। अव्यस्थित चौराहे और ट्रैफिक के चलते गली सा नजारा रहता है। सुबह से लेकर शाम तक भारी वाहनों के आवागमन का दबाव होने से संकरे चौक-चौराहों में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। कचहरी चौक हो या फिर नेताजी चौक, बीटीआई चौक हो या फिर शारदा चौक, हर चौक दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहा है। जिला बनने से पहले तक ठीक था, लेकिन 25 मई 1998 में जिला मुख्यालय बनने के बाद शहर में आवागमन का दबाव भी लगातार बढ़ता गया। मुंबई से लेकर हावड़ा रूट की सफर करने वाले नेशनल परमिट वाले भारी वाहनों को इसी सड़क से गुजारा जा रहा है, जहां पर लोगों को शापिंग करने के अलावा हर जरूरतों के सामानों की खरीददारी करनी होती है। समस्या तब और सिर कर चढ़कर बोलती है जब प्रमुख चौक में वाहनों के साथ ही मवेशियों का जमावड़ा हो जाता है।

ट्रैफिक पुलिस भी असहाय-
चौराहों के मापदंड के अनुरूप नहीं होने से ट्रैफिक पुलिस भी व्यवस्था बनाने में असहाय नजर आती है। चौक पर तैनात सिपाही यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने प्रयास करते हैं लेकिन ट्रैफिक पुलिस के जरा सा हटते ही लोग मनमाते तरीके से यहां से गुजरने लगते हैं, जिससे छोटे-मोटे हादसे होते हैं। इलेक्ट्रिानिक सिग्नल नहीं होने के कारण भी बहुत से लोग चौक पर नियम का पालन नहीं करते। भारी वाहनों के दबाव के कारण ट्रैफिक पुलिस को संकरे चौराहों पर व्यवस्था बनाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

व्यवसायी भी जिम्मेदार-
सड़क किनारे दुकान लगाने वाले व्यवसायी भी कुछ हद तक इसके लिए जिम्मेदार हैं। पहली बात तो वे सड़क के किनारे बेजाकब्जा करते हैं, इसके अलावा दुकान के सामने छज्जा उतारकर सड़क की चौड़ाई को आधा कर देते हैं। जिससे आवागमन करने वाले लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। सड़क किनारे के ऐसे दुकानदार और फुटपाथ पर धंधा करने वाले ठेले वालों के खिलाफ भी कार्रवाई अब कड़ाई से करना जरूरी है। अचानक कभी कभार बेजाकब्जा हटाने कार्रवाई कर जिम्मेदार खानापूर्ति कर लेते है।

रात हो जाने से बड़ी दुर्घटना टली-
कचहरी चौक के पास चांपा की ओर से आ रही 18 चक्का कोयला से भरी ट्रेलर चांपा की ओर से आ रही थी। अनियंत्रित होकर टर्न करने के चक्कर में कचहरी चौक के पास पलट गई। बड़ा हादसा होते-होते बाल-बाल बच गई, क्योकि जहां पर ट्रेलर पलटा है, वहां दिन में लाइन से गुपचुप, चाट, पान ठेला, चिकन चिल्ली सहित आधा दर्जन दुकानें लगती है। रात होने की वजह कोई दुर्घटना नहीं हुई। अगर दिन को होता बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। लोगों की जान भी जा सकती थी।

यह होना चाहिए-
ट्रैफिक पुलिस के लिए स्टैंड के साथ ही यातायात व्यवस्था के लिए नंबर वाला ट्रैफिक सिग्नल होने चाहिए। एनएच पर चौराहा कम से कम 150 मीटर चौड़ा होना चाहिए, ताकि वाहनों की आवाजाही के लिए जगह मिल सके। चौक पर गोल चबूतरा रहे ताकि चारों दिशा से आने वाले वाहन चालक घुमकर दिशा परिवर्तन करें। आसपास दुकान या ठेले नहीं होने चाहिए।

कई बार हो चुकी दुर्घटनाएं-
मानक के अनुरूप जिला मुख्यालय के चौक-चौराहे नहीं बनाए गए है। संकरे जगह पर वाहनों को टर्न करना चालकों के लिए काफी मुश्किल भरा होता है। ऐसा ही दुर्घटना शहर के बीटीआई चौक, कचहरी चौक व नेताजी चौक में कई बार हो चुका है। इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। शायद उनको कोई घटना का इंतजार है।

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