शहर के देवी मंदिरों में रंग-रोगन और कलश की साफ-सफाई करने का काम तेजी से चल रहा है। देवी मंदिर समितियों का कहना है कि होली पर्व के बाद ही पंजीयन में तेजी आएगी। परंतु जिस तेजी से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से पांव पसार रही है, इसलिए मंदिर समितियों में पहले जैसा उत्साह अभी नहीं है। क्योंकि पिछली बार चैत्र नवरात्रि के ऐन वक्त ही 24 मार्च 2020 को देशभर में सख्त लॉकडाउन लग गया था और सभी देव स्थलों के दरबाजे पर भक्तों के लिए ताला लग गया था। इन स्थितियों में जिन श्रद्धालुओं ने मनोकामना ज्योत का पंजीयन करा लिए थे, उनके नाम की ज्योत शारदीय नवरात्रि पर्व में प्रज्वलित की गई थी। वह भी क्षमता से आधी। इस बार फिर कोरोना की दूसरी लहर को देेखते हुए देवी मंदिर समितियों के पदाधिकारियों का कहना है कि पंजीयन तो शुरू किया है, ताकि श्रद्धालुओं की एकाएक भीड़ न हो, परंतु गाइडलाइन जारी होने का भी इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही शक्ति की भक्ति का विस्तृत कार्यक्रम तय होगा।
कालीमाता मंदिर में होली के बाद पंजीयन आकाशवाणी चौक स्थित कालीमाता मंदिर सेवा समिति के सचिव डीके दुबे का कहना है कि कोरोना संक्रमण बढऩे की स्थिति को देखते हुए अभी मनोकामना ज्योति का पंजीयन शुरू नहीं किया गया है। होली पर्व बीतने पर शुरू किया जाएगा। मंदिर में 4000 ज्योत जलाने की व्यवस्था है, लेकिन इस बार भी केवल 2500 ज्योत का पंजीयन किया जाएगा। ताकि बाहर से सेवादारियों को न बुलाना पड़े। पंजीयन शुल्क 700 रुपए से बढ़ाकर 750 रुपए करने का है। क्योंकि पहले 1200 रुपए का तेल पीपा मिलता जो अब 2200 रुपए हो गया है। इसका असर मनोकामनाा ज्योति पर पड़ रहा है।
13 अप्रैल को आस्था दीप होंगे जगमग महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ल के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर 13 अप्रैल से नवरात्रि पर्व प्रारंभ होगा। इसे देखते हुए तैयारियां चल रही हैं। महामाया के दरबार में करीब 11 हजार से अधिक मनोकामना ज्योत प्रज्वलित करने की व्यवस्था है। जबकि बंजारीधाम में 9 हजार ज्योत जलाने की क्षमता है। पंडित शुक्ल के अनुसार पिछले चैत्र नवरात्रि में केवल 6 हजार पंजीयन हो पाया था कि लॉकडाउन लग गया। आठ साल बाद मनोकामना ज्योति का पंजीयन शुल्क 100 रुपए बढ़ा है। इसकी मुख्य वजह महंगाई है। क्योंकि देखरेख करने वाले सेवादारी भी अधिक लगते और बाजार में तेल की कीमत भी पहले से काफी बढ़ी है।