खुदाई में टेराकोटा रिंग वैल मिला
कुएं निर्माण में लगाया गया रिंग वैल खुदाई के दौरान मिला , कुषाण काल में इस तरह के कुएं का निर्माण पानी पीने, शस्त्र , बेशकीमती समान छिपाने के साथ-साथ सुरंग के रूप में खुद को छिपाने के लिए भी किया करते थे। अभी कुएं का उपयोग किस कारण से किया गया है, इसपर अभी शोध चल रहा है।
दस हजार साल पुराना हाथी का जबड़ा
उत्खननकर्ता निदेशक पद्मश्री डॉ. अरुण कुमार शर्मा ने बताया उत्खनन के दौरान कई ऐसे पात्र व हाथी का अवशेष मिला है, अगर हाथी का जबड़ा की बात करे तो, करीब दस हजार साल पुराना है, जो पत्थर बन चुके हैं। ऐसे ही एक धातु गलाने का पात्र करीब दो हजार साल पुराना है।
सिक्कों से भरा मटका मिला
सह उत्खनन निदेशक विरिशोत्तन साहु ने बताया रीवा में उत्खनन के दौरान एक ग्रामीण ने 12वीं सदी का कलचुरी काल का सिक्कों से भरा मटका लाकर दिया। खुदाई में कुषाण काल के सौ सिक्कों के साथ कर्मादित्य चित्र बना सिक्का भी प्राप्त हुआ है। रीवा में सौ एकड़ में फैला तालाब में नहाने से सफेद दाग व कई प्रकार की बीमारी ठीक हो जाती है। ग्रामीण बताते है, ये तालाब हमारे गांव के धरोहर के रुप में है। इस तालाब में नहाने से चर्म रोग संबंधित बिमारी पूरी तरह ठीक जाता है।