पुराने प्रस्तावों को बैक डेट में कराने की योजनासूत्रों का कहना है कि बुधवार को होने वाली बैठक में संघ में होने वाली नियमित नियुक्तियों के प्रस्ताव पर मुहर लगने वाली है। इससे पहले ही वर्षों से काम करने वाले दर्जनों कर्मचारी अधिकारियों हटा दिया गया है। जबकि, नियमित नियुक्ति में पूर्व में अनुभव प्राप्त कर चुके कर्मचारियों को प्रथमिकता देने का प्रावधान है। यह पूरा खेल बैक डेट पर होने जा रहा है। [typography_font:14pt;” >रायपुर . दुग्ध महासंघ देवभोग को हुए तकरीबन 19 करोड़ के नुकसान की वसूली के लिए पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने आदेश जारी किया है। इसके लिए पंजीयक ने डीपी टावरी के नेतृत्व में टीम बनाई है। वसूली के लिए एक माह का समय तय किया गया है। छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी 1960 की धारा-58 बी के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि एक तरफ पंजीयक कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई की प्रक्रिया कर रहे हैं। दूसरी ओर 8 जुलाई को होने वाली संचालक मंडल की बैठक में निष्कासित अध्यक्ष रसिक परमार को भी बतौर अध्यक्ष बुलाया गया है। जबकि 27 जून को पंजीयक ने आदेश जारी करके अध्यक्ष पद से परमार को हटा दिया था। साथ ही उन्हें तीन साल तक चुनाव लडऩे पर रोक लगा दी है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पद में रहते हुए महासंघ को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया। आदेश में बड़ी गड़बड़ीपत्रिका को मिले दस्तावेज के अनुसार 8 जुलाई को होने वाली बैठक के आदेश को 29 जून को तैयार किया था। जिसमें महासंघ के एमडी ने आदेश बनने से पहले ही 27 जून को ही दस्तखत कर दिए थे। निष्कासन के बाद भी अध्यक्ष बराबर कार्यालय जा रहे हैं और अपने केबिन में बैठ रहे हैं। सहकारी संस्थाएं, छत्तीसगढ़ के पंजीयक हिमशिखर गुप्ता का कहना है कि बोर्ड की बैठक में बैक डेट के प्रस्तावों पर पारित नहीं किया जा सकता। अध्यक्ष को उनका पक्ष रखने के लिए आने की अनुमति दी गई है।