उन्होंने कहा कि न तो मैंने किसी अन्य पार्टी के साथ मंच साझा किया और न ही अपनी पार्टी के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही। पार्टी द्वारा नोटिस भेजे जाने पर आश्चर्य जताते हुए उन्होंने कहा कि कार्यक्रम उनका परिवारिक था, घर पर आयोजित किया गया था, जो एक पारंपरिक पूजा के तौर पर सालों से मनाया जाता आया है।
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रेणु जोगी ने कहा कि पति के बगल में बैठने और त्योहार के दिन सपरिवार साथ रहने के कारण मुझे नोटिस दिया जाना आश्चर्यजनक लगता है। उन्होंने कहा कि कई बार एक परिवार के सदस्य अलग-अलग राजनीतिक विचारधारा से जुड़े होते हैं, इसका मतलब ये नहीं कि वे परिवारिक कार्यक्रमों में साथ नहीं जा सकते, ये भारत व कांग्रेस पार्टी का लोकतंत्र है, जो एक महिला को उसका पत्नी धर्म और पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने से न संविधान रोकता है और न ही कोई राजनीतिक दल बंदिश लगाता है।
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दरअसल, 5 नवंबर को जोगीसार में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में अजीत जोगी के साथ अमित जोगी और ऋचा जोगी के साथ रेणु जोगी एक मंच पर मौजूद थी। आरोप है कि उस मंच पर अजीत जोगी ने कांग्रेस को खूब खरी-खोटी भी सुनायी थी। जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस ने रेणु जोगी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।