कैसा है सिस्टम
एक चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटे में एक निम्न दाब का क्षेत्र बनने की संभावना है तथा उसके अगले 24 घंटे में प्रबल होकर अवदाब के रूप में परिवर्तित होने की संभावना है। साथ ही एक द्रोणिका उत्तर-पूर्व अरब सागर से पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक गुजरात, पूर्वी राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा होते हुए 3.1 किलोमीटर से 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है।
एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के अनुसार उक्त सिस्टम के कारण शनिवार 11 सितंबर को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में गरज-चमक के साथ एक-दो स्थानों पर वज्रपात होने तथा भारी वर्षा होने की भी संभावना है। अधिकतम तापमान में गिरावट संभावित है। भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्यत: दक्षिण छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है।
31 अगस्त से होती है मानसून विदाई शुरू, पर इस बार नहीं
उन्होंने बताया कि सितंबर माह में एक के बाद एक मानसूनी मौसमी तंत्र बनने के कारण प्रदेश में अभी लगातार बारिश का दौर जारी रहने की पूरी संभावना बनी हुई है। सामान्य तौर पर देश में दक्षिण पूर्व मानसून की विदाई राजस्थान से 31 अगस्त सामान्य तिथि से प्रारंभ होती है, किन्तु इस वर्ष देश में अभी मानसून की विदाई का प्रारंभ नहीं हुआ है।
किन जिलों में कितनी बारिश (4 से 10 सितंबर तक मिमी)
बालोद – 96 मिमी
बलौदा बाजार – 67.7 मिमी
महासमुंद – 33.5 मिमी रायपुर – 86.4 मिमी
राजनांदगांव – 76.4 मिमी
धमतरी – 65.2 मिमी यह भी पढ़ें: कोरोना के संभावित तीसरी लहर के बीच बच्चों में वायरल फीवर के साथ दिखे ये लक्षण, तो न करें अनदेखी