धा न खरीदी के मुद्दे को लेकर पूर्व कृषि मंत्री और दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश सरकार पर बड़ा हमला बोला है। अग्रवाल ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार धान खरीदी की व्यवस्था में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। सोसाइटी में बारदाने की कमी है। किसानों को खरीदी का टोकन ७-७ दिन बाद का मिल रहा है। भुगतान में भी देरी हो रही है। इससे किसान परेशान हो रहे हैं। उनका यह भी दावा है कि अभी भी करीब १०० सोसायटियों में धान की खरीदी शुरू नहीं हो सकी है।
भाजपा प्रदेश कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए अग्रवाल ने कहा, विपक्ष में रहते हुए भूपेश बघेल ट्वीट और रमन सिंह को चिट्ठी लिखकर १ नवम्बर से धान खरीदी शुरू करने की मांग करते थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री अपनी बात को ही भूल गए। उन्होंने कहा, कंप्यूटराइज व्यवस्था कारण किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। बहुत से किसानों के नाम गायब है। जमीन का रकबा भी कम है। उन्होंने कहा, हमारी सरकार के समय किसानों से पांच बार धान खरीदा जाता था। इस बार इसे घटाकर तीन बार कर दिया गया है। एेसे में जिसके पास जमीन अधिक है, वे किसान कहां जाएंगे? बृजमोहन ने कहा, सरकार कर्जमाफी का ढोल पीट रही है। जबकि हकीकत यह है कि एेसे किसान जो २० साल से कर्ज नहीं पटा पाए हैं और डिफाल्टर हो गए हैं, उनका कर्ज अभी भी नहीं पता है। उन्होंने सरकार ने मांग की है कि लिंकिंग के तहत कर्ज की राशि का समायोजन अभी नहीं होना चाहिए। क्योंकि यह कर्ज ३१ मार्च तक ब्याजमुक्त है।