लापरवाही कब तक
राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद छह मरीजों की आंखों में संक्रमण फैला
रायपुर। प्रदेश में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में संक्रमण फैलने की घटनाएं बढऩा बेहद चिंता की बात है। अब की बार राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद छह मरीजों की आंखों में संक्रमण फैलने का मामला सुर्खियों में हंै। प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आंखें गंवाने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसे उच्चस्तरीय व अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं वाले अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन असफल होने तथा दुर्ग, बालोद, बागबाहरा में आयोजित नेत्र शिविर में ऑपरेशन के बाद कई मरीजों को दिखाई नहीं देने की घटनाओं को प्रदेशवासी नहीं भूले हैं।
अफसोसनाक है कि डॉक्टरों की लापरवाही व बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते मरीजों को रोशनी मिलने की बजाय उनके जीवन में अंधेरा छा रहा है। आंखें खराब हो रही हैं। ऑपरेशन में लापरवाही व संवेदनहीनता बरतना चिकित्सा जैसे पवित्र पेशे का अपमान है। डॉक्टर आखिर सबक क्यों नहीं ले रहे? आंखें ऐसा संवेदनशील अंग है कि उसमें संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। यह कहा भी जाता है कि आंखों का ऑपरेशन जितना जटिल है, उससे भी ज्यादा जटिल कार्य है आंखों को ऑपरेशन के बाद संक्रमण से बचाना।
आंखों के डॉक्टरों को बहुत सावधानी से कार्य करना चाहिए। संक्रमण की थोड़ी सी भी आशंका हो तो ऑपरेशन टाल देना बेहतर है। आंखों के संक्रमण की घटना इसलिए भी ज्यादा हो रही है, क्योंकि आंखों के ऑपरेशन को बहुत हल्के में लेने लगे हैं। आंखों के आपरेशन के लिए जरूरी जो भी उपाय और मापदंड हैं, उन्हें सभी अस्पतालों में पूरी कड़ाई के साथ पालन करना चाहिए। लापरवाह मरीजों पर भी विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। और, सबसे बड़ी बात है कि हम आंखों का महत्व समझें। आंखें मनुष्य के लिए अति महत्वपूर्ण अंग ही नहीं, बल्कि अनमोल भी हैं। आंखों की देखभाल व इलाज में सावधानी बरतना और उन्हें हर हाल में सुरक्षित रखना हमारा मानवीय दायित्व है।
Home / Raipur / लापरवाही कब तक