सात साल से वैराग्य जीवन की राह पर मनीष सागर महाराज ने यह भी बताया कि आज जो बालक दीक्षा लेने जा रहे हैं वे पिछले 7 साल से वैराग्य जीवन जी रहे हैं। जाने कैसे और कब वे जीवन के वास्तविक उद्देश्य को समझ गए और कम उम्र में ही उसे प्राप्त करने की ओर अग्रसर हो गए। सभा का संचालन कैवल्धाम ट्रस्ट के महामंत्री सुपरसचन्द गोलछा ने किया। इस मौके पर तपस्वी मोहन गोलछा ने भजनों में संयम के महत्व को पिरोया। [typography_font:14pt;” >रायपुर. राजसी ठाठबाट, सुख-सुविधाएं पीछे छोड़ मुमुक्षु दर्शन बागरेचा बुधवार को अध्यात्म योगी महेंद्र सागर महाराज ने दीक्षा ग्रहण करेंगे। इससे पहले कैवल्यधाम में मंगलवार को उन्होंने समाज के लोगों के बीच रुपए, पैसा खुले हाथों से दान किए। वर्षीदान वरघोड़ा में आगे-आगे 42 साधु-साध्वियां और पीछे पूरा जैन समाज चला। बीच में बग्घी पर सवार 19 वर्षीय दर्शन बागरेचा, जो संयम मार्ग पर दीक्षा लेने जा रहे हैं। समाज ने उन्हें कंधे पर बिठाकर मंच तक लाए। उत्साह और उल्लास के साथ लोगों ने मुमुक्षु से दान लिया। इसके बाद आध्यात्मिक वाटिका में आध्यात्म योगी मुनि महेंद्र सागर महाराज की पावन निश्रा में धर्मसभा हुई। यहां समाज को संबोधित करते हुए मनीष सागर महाराज ने कहा कि परमात्मा ने हमें कुछ करने के लिए भेजा है। हम कर कुछ और रहे हैं। भगवान महावीर ने कहा था कि मानव जीवन दुर्लभ है और काम कुछ ऐसा करो जो किसी और ने नहीं किया। संयम ही वो रास्ता है जो जीवन में परिवर्तन का संदेश लेकर आता है। इसे अपना लिया तो इस दुर्लभ मानव जीवन को सार्थक कर सकते हैंं। बहनों ने बांधी राखी, आज होगी दीक्षाप्रचार प्रभारी चन्द्रप्रकाश ललवानी ने बताया कि दोपहर को कैवल्यधाम में केसर छाटना और ओढ़ी सजाना जैसी रस्में पूरी की गई। बिहनों ने मुमुक्षु भाई को राखी बांधी। रात को मूल मंदिर में प्रभु भक्तिहुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। संभवनाथ महिला मंडल ने खूबसूरत आंगी सजाई थी। शाम 7.30 बजे देशभर के श्रीसंघों ने मुमुक्षु का अभिनंदन किया। बुधवार को सुबह 7.30 बजे लापसी लूट होगी। 8 बजे से दीक्षा महोत्सव शुरू होगा।