गुजरात की तरह यहां भी हैं सोमनाथ मंदिर, जहां कण-कण में विराजे हैं भगवान शिव
पंडि़तों के अनुसार सोमवार को नागपंचमी पर विशेष योग बन रहा है। जो बहुत खास है, माना जा रहा है कि इस संयोग का प्रभाव 20 घंटे तक प्रभावी रहेगा। ज्योतिषों के अनुसार पंचमी तिथि रविवार रात से लग चुकी है।
सावन माह में भगवान शिव की पूजा में बेलपत्रों का विशेष महत्व है। संस्कृत में बेलपत्र को बिल्व पत्र कहा जाता है। छत्तीसगढ़ स्थित दंतेवाड़ा के घने जंगलों में दुलर्भ द्वादश बेलपत्र पाया गया है। डॉ हेमू यदू ने बताया कि अधिकांश भक्त तीन पत्तों वाला बेलपत्र भगवान शिव को अर्पण करते हैं, जो त्रिनेत्र के प्रतिक हैं। पर द्वादश बेल पत्र भगवान शिव को अर्पण करने से द्वादश ज्योर्तिलिंग को अर्पण माना जाता है।
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