गर्मी में कम कर दी जाती है टाईगर की खुराक
एसडीओ विवेक सिंह ने बताया कि गर्मी में टाईगर की खुराक कम हो जाती है। पहले रोजाना 10 से 11 किलो मटन दिया जाता था वहीं अब सात से आठ किलो दिया जा रहा है। नवंबर से मार्च तक खुराक बढ़ाई जाती है जबकि अप्रैल से अक्टूबर तक घटाई जाती है।
देवा और जया की झलक पाने की बेताबी
करीब 250 जानवरों में सबसे आकर्षण का केंद्र हैं व्हाइट टाईगर देवा और जया। सैलानी इनकी एक झलक पाने को बेताब नजर आते हैं। हालांकि गर्मियों में ये दोनों शाम को ही बाहर निकलते हैं, बाकी टाइम इनकी दहाड़ सुनकर ही पर्यटक रोमांचित हो उठते हैं।
बेटे को डियर पसंद है
विवेकानंद नगर निवासी राहुल सुराना और प्रियंका सुराना ने बताया कि हमें जू बहुत पसंद है। हम अक्सर नंदनवन की सैर करने पहुंच जाते थे क्योंकि यह शहर से लगा हुआ है। हालांकि अब यहां जानवरों की संख्या कम हो रही है क्योंकि इन्हें जंगल सफारी शिफ्ट किया जा रहा है। कुछ यहां भी हैं। वैसे तो हमें सभी प्रकार के जानवर पसंद हैं लेकिन बेटे अनंत को को डियर सबसे ज्यादा अच्छे लगते हैं। अब जब भी कहीं घूमने का मन हो जंगल सफारी निकल पड़ते हैं।
मुझे नहीं दिखा अभी तक व्हाइट टाईगर
नया तालाब गुढिय़ारी निवासी क्लास फोर्थ की एंजल अग्रवाल कहती हैं कि रोमांच हर किसी को पसंद है। डिस्कवरी चैनल पर जंगल और जानवरों के बारे में देखना खूब अच्छा लगता है, लेकिन जब आप उसी चीज को लाइव यानी मौके पर रहकर देखें को मजा कई गुना बढ़ जाता है। जंगल सफारी में जू की हरकतें मन मोह लेती हैं। हालांकि मन में थोड़ा डर भी रहता है लेकिन वह किसी हॉरर मूवी जैसा ही। अगर कभी सिटी से बाहर की वीकेंड प्लानिंग हो तो जंगल सफारी हमारे लिए बेस्ट डेस्टिनेशन होता है।
‘जंगली ‘ देख याद आए एनिमल्स
मेग्नोटो माल स्थित सिग्नेचर होम्स निवासी आंचल झा ने बताया कि पिछले हफ्ते रिलीज हुई फिल्म जंगली देखी। इसमें एनिमल्स और जंगल का मनोहारी नजारा देखकर बच्चे फिर जू जाने की जिद करने लगे हैं। वैसे नंदनवन से हमारा गहरा नाता रहा है। वहां कितने बार गए हैं याद तक नहीं। पिछले महीने जंगल सफारी के जानवरों को देखने का मौका मिला। क्लास सेवन के श्रेयम और क्लास सिक्स की मन्या गुप्ता और पूनम सोनी कहती हैं कि कोई भी जानवर को वह प्यार की भाषा जरूर समझता है। उन्हें हमारी आंखों की परख है।
अभी और बढ़ेगा रोमांच
आज की स्थिति में देखा जाए तो लगभग दो करोड़ जू लवर जंगल सफारी पहुंच चुके हैं। ये संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। 10 बाड़े तैयार हो चुके हैं जिसमें भालू छोड़े जाएंगे। यह काम जल्द ही होगा। इसके अलावा 27 बाड़ों का निर्माण कार्य चल रहा है। आने वालें दिनों में यहां का रोमांच देखते ही बनेगा।
विवेक सिंह, एसडीओ, जंगल सफारी
फैक्ट फाइल
– 31 दिसंबर 2018 की स्थिति में 1 करोड़ 85 लाख 25 हजार 540 सैलानी पहुंचे।
– रेवेन्यु 9 करोड़ 25 लाख 63 हजार 550 रुपए।
– एवरेज विजिटर पर डे 544, रेवेन्यू 100770 रुपए पर डे
– 31 दिसंबर 2018 तक फॉरेन विजिटर 218