केस१- उम्र- ७८ वर्ष, जिला- सूरजपुर
बीमारी- सर्दी, जुखाम, खांसी, चक्कर आना। – ऊर्जा नगर निवासी ७८ वर्षीय बुजुर्ग को २ सितंबर को एमसीएच हॉस्पिटल सूरजपुर में परिजन लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने उन्हें मृत पाया। परिजनों ने डॉक्टर को बताया कि वे सर्दी, खांसी, बुखार से पीडि़त थे। चक्कर आ रहे थे। एक-दो बार वे गिरे भी। घर पर ही इलाज कर रहे थे। डॉक्टर ने उन्हें कोरोना संदिग्ध पाते हुए मृत शरीर से सैंपल लिए, शव को मर्चुरी में रखवा दिया। ४ सितंबर को बुजुर्ग कोरोनो संक्रमित पाए गए।
सबक- बुजुर्ग में बीमारी के बाद अगर उनमें कोरोना संबंधित लक्षण पाया जाता है तो उन्हें तत्काल डॉक्टर को दिखाएं, ताकि समय रहते इलाज मिल सके।
उम्र- ५३ वर्ष, जिला- रायपुर बीमारी- उच्च रक्त चाप से पीडि़त।
– राजेंद्र नगर के रहने वाले ५३ वर्षीय व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीडि़त थे। उन्हें ५ सितंबर को एम्स में ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। ८ सितंबर को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। स्पष्ट है कि कहीं न कहीं परिजनों ने इलाज में देरी की। लक्षण होने के बाद भी कोरोना टेस्ट नहीं करवाया, मौत के बाद जांच में कोरोना की पुष्टि हुई।
सबक- जिस दिन लक्षण दिखाई दे, उसी दिन जांच करवाएं। डॉक्टर से संपर्क कर इलाज शुरू कर दें, भले ही कोरोना की रिपोर्ट कभी भी क्यों न आए।
१ सितंबर- १ दुर्ग, १ बिलासपुर, २ जशपुर। २ सितंबर- १ सूरजपुर।
४ सितंबर- १ सूरजपुर। ५ सितंबर- १ भिलाई, १ पठानपारा सुकमा।
६ सितंबर- १ मोवा, २ बिलासपुर (सिरगिट्टी और बसंत विहार)
८ सितंबर- २ रायपुर। (कृष्णा नगर और राजेंद्र नगर) १० सितंबर- १ रायपुर, १ बिलासपुर, १ जांजगीर चांपा (नगरिदी)
१४ सितंबर- १ रायपुर। १५ सितंबर- १ रायपुर, १ रायगढ़।
१६ सितंबर- १ रायपुर, १ दुर्ग, १ बिलासपुर।
(नोट- अस्पताल में पहुंचने पर डॉक्टरों ने इन्हें मृत घोषित कर दिया।) इलाज में देरी मौत की सबसे बड़ी वजह है। लक्षण होने पर भी घर पर ही इलाज कर रहे हैं। अंतिम स्थिति में अस्पताल लेकर दौड़ रहे हैं। अगर, शुरुआती लक्षणों में ही इलाज मिल जाए, तो हम आधे से अधिक लोगों की जान बचा सकते हैं।
डॉ. आरके पंडा, विभागाध्यक्ष टीबी एंड चेस्ट, डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल एवं सदस्य कोरोना कोर कमेटी