दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने जांच टीम बनाई है, लेकिन जांच टीम ने अब तक अपना काम शुरू नहीं किया है। इसके पीछे शहर के एक रसूखदार का हाथ बताया जा रहा है। चर्चा है कि रसूखदार एक राजनीतिक दल से संबंध रखता है। और इसी के चलते पुलिस की जांच और स्वास्थ्य विभाग की जांच आगे नहीं बढ़ रही है। जांच में अडग़ेंबाजी की भी चर्चा है।
READ MORE : 18 किलोमीटर पैदल सफर करने बाद भी नसीब नहीं हुई 60 साल के बुजुर्ग को वैक्सीन उल्लेखनीय है कि
राजधानी अस्पताल में शनिवार को आग लग गई थी। इससे यहां भर्ती 6 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। मामले में अस्पताल के संचालकों की इरादतन लापरवाही सामने आई है। इसके बावजूद उनके खिलाफ मामूली धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है। इससे मृतकों के परिजनों और पीडि़तों में रोष व्याप्त है।
अस्पताल सील, नहीं पहुंची जांच टीमअस्पताल में आगजनी की जांच के लिए
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाई गई टीम शुक्रवार को घटना स्थल जाने वाली थी, लेकिन नहीं पहुंची। इसी तरह नगर निगम, बिजली विभाग व अन्य विभागों की टीम भी नहीं पहुंची। टिकरापारा पुलिस का दावा है कि
कोरोना अस्पताल होने के कारण टीमें जांच के लिए नहीं आ रही हैं। मजे की बात है कि टिकरापारा पुलिस आगजनी के दोषियों का नाम अब तक एफआईआर में दर्ज नहीं कर पाई है।
READ MORE : कोरोना संक्रमण से बचाएगी स्पिट कप, इंक्यूबेशन सेंटर से इजाद हुआ इनोवेशन सभी अस्पतालों की होगी जांचराजधानी अस्पताल की घटना के बाद जिला प्रशासन ने डिप्टी कलेक्टर के नेतृत्व में टीम गठित की है। यह टीम नगर निगम के सभी जोनों में स्थित अस्पतालों के फायर फाइटिँग की जांच करेगा। इसमें संबंधित थाने के टीआई भी शामिल हैं। थाना प्रभारियों ने अपने-अपने इलाके के अस्पतालों को नोटिस देकर फायर फाइटिंग सिस्टम से संबंधित जानकारी लेना शुरू कर दिया है।