सरकारी प्रयोगशाला में सिर्फ एक ही ड्रग एनालिस्ट है। वही दवाओं के सैंपल की जांच करते हैं। इस वजह से कॉस्मेटिक की जांच नहीं हो पाती। इसी वजह से में नकली उत्पाद धड़ल्ले से बिक रहे हैं। न केवल राजधानी बल्कि पूरे राज्य में बिकने वाली प्रसाधन सामग्री की जांच के लिए रायपुर में औषधि प्रशासन विभाग की प्रयोगशाला राज्य स्थापना के दो साल बाद बनाई गई है। लेकिन जांच करने वाली मशीनें अब तक चालू नहीं हो सकी हैं।
प्रयोगशाला में एक साल के अंदर सौन्दर्य सामग्री के केवल एक दर्जन उत्पादों की जांच की गई है। जिनमें साबुन और टूथपेस्ट जैसे प्रोडक्ट शामिल है। जिनकी जांच रिपोर्ट में कुछ भी नहीं मिला है। बैसे भी जांच उन उत्पादों की हुई ही नहीं है जिनमें नकली और मिलावट का खेल है। विभाग की जांच केवल औपचारिकता बन कर रह गई है।