इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कैबिनेट की मुहर लग चुकी है, अब बस अधिकारिक आदेश जारी होना बाकी है। अब से 9वीं से 12वीं तक पढ़ाई का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। जबकि आठवीं तक निशुल्क शिक्षा का खर्च केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर उठाती है। इसमें केन्द्र की 65 और राज्य की 35 फीसदी हिस्सेदारी रहती है।
गौरतलब है कि 2009 से शुरू आरटीई के तहत इस सत्र में पहले बैच के प्रदेशभर के गरीब 10 हजार बच्चे 9वीं कक्षा में पहुंच रहे हैं। इनका ध्यान रखते हुए राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है।
स्कूल शिक्षा विभाग (School education department) के सचिव गौरव द्धिवेदी ने बताया कि निशुल्क (Free) शिक्षा का दायरा 9वीं से 12वीं तक बढ़ाने का निर्णय कैबिनेट में हो गया है। इस संदर्भ में आदेश भी जल्द ही जारी हो जाएगा। इसके तहत 9वीं में पढ़ाई की सुविधा संबंधित स्कूल में नहीं होने पर 5 किमी के दायरे वाले स्कूल में बच्चे एडमिशन ले सकेंगे।
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