गार्डन्स से जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों को कम किया जा सकेगा
मंत्रालय ने इसके लिए स्कूलों को अपने-अपने परिसर में एक स्कूल न्यूट्रिशन (किचन) गार्डन बनाने के लिए कहा है। इसके लिए स्कूल विभिन्न सरकारी विभागों और संस्थाओं से तकनीकी, ढांचागत व अन्य मदद ले सकते हैं। केंद्र का कहना है कि स्कूल न्यूट्रिशन गार्डन बनाने का एक अहम उद्देश्य ये भी है कि इससे छात्रों को खुद का खाना उगाना सिखाया जा सकेगा। मंत्रालय ने स्कूलों को जारी दिशा-निर्देश में यह भी बताया है कि कैसे इन गार्डन्स से जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों को कम किया जा सकता है। स्कूलों के किचन गार्डन में उगने वाले पौधे पर्यावरण से कार्बन की मात्रा कम करने में मदद करेंगे। साथ ही साथ खुद की सब्जियां उगाने से हमें इसका ज्यादा आयात नहीं करना होगा। बता दें कि अभी देश में करीब 11.75 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। अगर हर स्कूल में ये किचन गार्डन बन जाए तो पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव होगा।