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विवाह के शुभ मुहूर्त में बचे मात्र पांच दिन शुभ, देवशयनी एकादशी से मुहूर्त पर लगेगा ब्रेक

locationरायपुरPublished: Jun 07, 2020 12:50:25 am

Submitted by:

Dinesh Kumar

कोरोना संक्रमण काल में सब कुछ बदल गया है। अब कार्ड में लिखा होता है कि बारात में सिर्फ 20 लोग शामिल होंगे। आपके आगमन की प्रतीक्षा नहीं, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा। सीमित लोगों में कार्यक्रम पूरे होने हैं।

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विवाह के शुभ मुहूर्त में बचे मात्र पांच दिन शुभ, देवशयनी एकादशी से मुहूर्त पर लगेगा ब्रेक

न्योता का कार्ड भी बदला, भेज रहे सोशल डिस्टेंसिंग का करना होगा पालन

रायपुर. कोरोना संक्रमण काल में सब कुछ बदल गया है। अब कार्ड में लिखा होता है कि बारात में सिर्फ 20 लोग शामिल होंगे। आपके आगमन की प्रतीक्षा नहीं, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा। सीमित लोगों में कार्यक्रम पूरे होने हैं। घर में रहिए, सुरक्षित रहिए, जैसी सीख के साथ वैवाहिक कार्ड भेजे जा रहे हैं, परिचितों, स्वजनों और रिश्तेदारों को। जिन परिवारों में वैवाहिक कार्यक्रम हैं, वे ऐसा ही तरीका अपनाए। इस महीने वैवाहिक शुभ मुहूर्त बहुत कम है। सिर्फ पांच दिन शहनाई और गूंजेगी। फिर देवशयनी तक शुभमुहूर्त पर ब्रेक लग जाएगा। शुरू होगा 1 जुलाई से चातुर्मासकाल।
दरअसल, साल में सबसे अधिक शादियां अप्रैल, मई और जून महीने में होती रही हैं। लेकिन, इस बार लॉकडाउन के कारण धार्मिक, सामाजिक और वैवाहिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगी रही। अनलॉक खुला, तो अनुमति लेने में पसीना छूट रहा है। मुश्किल से लोगों को विवाह करने की मंजूरी मिल पा रही है। सैकड़ों की संख्या में तहसील के समक्ष अधिकारी के पास लोगों के आवेदन पेंडिंग हैं। इस सबके बीच जिन परिवारों में लड़के-लड़कियों के रिश्ते तय हो चुके हैं, वे अगले साल के लिए टालने के बजाय सादगी से कार्यक्रम निपटाने का प्लान बना चुके हैं।
एक जुलाई से देवशयन पर फिर नवंबर से पहले मुहूर्त नहीं

31 मई से शुक्र अस्त होने के कारण 8 जून तक मांगलिक मुहूर्त नहीं था। पंडित मनोज शुक्ला बताते हैं कि वैवाहिक कार्ड का मजमून बदल चुका है। बहुत कम लोगों की मौजूदगी में ही अब उन्होंने तीन से चार वैवाहिक कार्यक्रम आसपास के ग्रामीण अंचलों में संपन्न कराए हैं। जहां कोई रिसेप्शन नहीं। अब इस महीने में केवल 13, 15, 27, 29 और 30 को मुहूर्त होने से वैवाहिक और उपनयन संस्कार किए जा सकेंगे। पंडित शुक्ल के अनुसार 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इसी दिन से चातुर्मासकाल प्रारंभ हो जाएगा। फिर देवउठनी एकादशी यानी की छोटी दिवाली के बाद 25 नवंबर से शुभमुहूर्त शुरू होंगे।
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