निवेशकों में सरकारी अधिकारी भी शामिल नवा रायपुर में जमीन लेने वाले निवेशकों में बड़े सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। ये अधिकारी इन जमीनों पर मकान बनाने के बजाय रायपुर व अन्य स्थानों से आना-जाना कर रहे हैं। नवा रायपुर के सेक्टर-17 में पहले से ही अधिकारियों के लिए आवास निर्मित हैं। यहां कुछ अधिकारी निवास भी कर रहे हैं। इसे अलावा सेक्टर-27 और सेक्टर-29 में भी सैंकड़ों मकान खाली पड़े हुए हैं।
20 हजार करोड़ का निवेश नहीं हुआ पूरा वर्ष 2012 में नवा रायपुर में आयोजित ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट में देश के औद्योगिक घरानों ने 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश के लिए राज्य सरकार के साथ एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) किया था, लेकिन औद्योगिक घरानों ने बाद में यह करार रद्द कर दिया। दरअसल कार्पोरेट घरानों ने यहां बसाहट,सुविधाओं की कमी के बाद हाथ पीछे खींच लिया।
कंपनियों से बातचीत जारी एनआरडीए के अधिकारियों के मुताबिक नवा रायपुर में निवेश के लिए कार्पोरेट घरानों, होटल, फैशन, आईटी, एंटरटेनमेंट,एजुकेशन, हॉस्पिटल और औद्योगिक घरानों से बातचीत चल रही है। कई मामलों पर निर्णय अंतिम चरणों में हैंं। एनआरडीए द्वारा स्वास्थ्य, एजुकेशन, व्यवसायिक और औद्योगिक भूखंडों में छूट के बाद पूछताछ आ रही है।
नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ अय्याज तांबोली ने बताया कि नवा रायपुर में विभिन्न निर्माण कार्य तेजी से जारी है। बसाहट के लिए प्रयास जारी है। औद्योगिक भूखंडों की कीमतों में 50 फीसदी छूट के बाद प्रदूषण रहित उद्योग लगने से रोजगार भी आएगा।