‘पत्रिकाÓ पड़ताल में सामने आया कि प्रदेश में मई में कोरोना मरीजों की संख्या करीब 100 मरीज प्रतिदिन बढ़ रही थी। कुछ दिन तक जब ये आंकड़े आए तो स्वास्थ्य विभाग के साथ शासन-प्रशासन ने तत्काल निर्णय लेते हुए इंडोर स्टेडियम का चयन अस्थाई अस्पताल बनाने के लिया। कलेक्टर रायपुर को स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 हॉस्पिटल की गाइडलाइन दी। जिनके निर्देश पर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अनुबंधित ठेकेदार को वर्कआर्डर जारी कर दिया।
निजी अस्पताल भी हो रहे हैं अनुबंधित सरकार ने आवश्यकता पडऩे पर निजी अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती करने का निर्णय लिया है। इसलिए तो इलाज के पैकेज रेट जारी कर दिए गए हैं। रिम्स रायपुर ने इसी पैकेज रेट पर इलाज करने के लिए आवेदन दे चुका है। हालांकि स्पष्ट है कि सरकार जरुरत पडऩे पर किसी भी अस्पताल को अधिग्रहित कर सकती है।
कहां कितने मरीज भर्ती और कितने बेड बढ़ाए जा सकते हैं
अस्पताल बेड बढ़ा सकते हैं
एम्स 250 500
आंबेडकर अस्पताल 200 700
माना अस्पताल 110 200
लालपुर अस्पताल 85 –
ईएसआईसी अस्पताल 260 –
(नोट- ईएसआईसी अस्पताल को पीपी मोड पर दिया जाएगा, टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है।)
अब हर जिले में भर्ती करने की सुविधा प्रदेश के हर जिले में कोरोना मरीजों को भर्ती करने की सुविधा विकसित कर ली गई है। पहले कोरबा तक के मरीजों को रायपुर रेफर किया जा रहा था, मगर अब ऐसा नहीं है। रीजनल लेवल (क्षेत्रीय स्तर) पर अकेले रायपुर के एम्स में 500, डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में 500, माना कोविड-19 हॉस्टिल में 110 मरीजों को भर्ती किया जा सकता है। बिलासपुर मेडिकल कॉलेज में 100, रायगढ़ में 100, जगदलपुर में 200, राजनांदगांव 160 और अंबिकापुर में 100 मरीज भर्ती किए जा सकते हैं। इनके अलावा जिला स्तर पर 1614 मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. सुभाष पांडेय ने बताया कि रायपुर में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए पर्याप्त बंदोबस्त हैं। अभी मरीज एम्स और आंबेडकर अस्पताल में भर्ती करवाए जा रहे हैं। जरुरत पडऩे पर लालपुर और माना अस्पताल का इस्तेमाल होगा।