जल्द होगी उप समिति की बैठक
धान खरीदी की नीति का निर्धारण करने के लिए जल्द ही मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक होगी। इसमें धान खरीदी की मात्रा, धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य, बारदाने की व्यवस्था, धान के उठाव जैसे अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। इसके बाद उप समिति की अनुशंसाओं को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में रखा जाएगा।
पंजाब व हरियाणा में खरीदी
पंजाब व हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 3 अक्टूबर से शुरू हो गई है। जानकारों का कहना है कि पंजाब और हरियाणा में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा है। वहां धान की बोआई पहले हो जाती है। इस वजह से हर साल इन दोनों राज्यों में 1 अक्टूबर से धान की खरीदी शुरू हो जाती है।
61.5 पांच लाख टन चावल लेने की मंजूरी
खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार ने इस साल 61.5 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की सहमति दी है। इसमें केवल अरवा चावल लिया जा रहा है। उसना चावल के लिए केंद्र ने अनुमति नहीं दी है। जबकि प्रदेश में उसना चावल बनाने की क्षमता अधिक है। विभागीय स्तर पर प्रयास हो रहा है कि केंद्र सरकार से उसना चावल की भी अनुमति मिल सकें।
यह है देरी से खरीदी का गणित
किसान नेता राजकुमार गुप्त का कहना है कि कुछ किस्मों के धान की कटाई दशहरा के बाद से शुरू हो जाएगी। देरी से धान खरीदी होने से किसानों को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। कटाई के बाद धान को संभालकर रखना बड़ा मुश्किल होता है। बारिश होती है, तो धान के गिले होने का खतरा और धूप होती है तो सूखत का खतरा आता है। उनका कहना है कि 1 नवम्बर से धान खरीदी होने पर उसमें नमी रहती है। इससे वजन अधिक होता है। एक महीने में धान में 10 से 12 फीसदी का सूखत आ जाता है। इससे सरकार कम पैसे में ज्यादा धान की खरीदी कर लेती है, लेकिन इससे किसानों को नुकसान होता है।