8 की उम्र में दे चुके हैं 7 कार्यक्रम
पिरदा बेमेतरा निवासी आठवीं के छात्र रितेश कुमार साहू की दादी फुलबाई पंडवानी गाती थीं। बुआ त्रिवेणी पंडवानी में ग्रंथ प्रस्तुत करती हैं। बुुआ के कार्यक्रम में पिता पेटी बजाते हैं। रितेश दादी के नाम को आगे बढ़ाते हुए पंडवानी की पहचान कायम रखना चाहते हैं। स्कूल में वार्षिकोत्सव में गाना शुरू किया है। प्रशिक्षण में नई पंडवानी से जुड़ी चीजों को सीख रहे हैं।
गृहस्थी से वक्त निकाल पूरा कर रहीं शौक
भिलाई की रूही ने उजय गंधर्व से पंडवानी सीखना शुरू किया। यूट्यूब में तीजन बाई को देखा व सुना। शादी के बाद सभी की रजामंदी से ट्रेनिंग शुरू की। यहां ट्रेनिंग के दौरान प्रस्तुति में परिपक्वता के गुण सीख रही हैं।
दादा पुनाराम निषाद के कार्यक्रम में जाती थी
रिंगनी भिलाई की शिवानी निषाद प्रख्यात पंडवानी गायक पद्मश्री पुनाराम निषाद की पोती है। शिवानी नौवीं में पढ़ती है। उसने बताया कि दादा के कार्यक्रम में जाया करती थी। वे गुजर चुके। अब पिता रोहित निषाद के साथ कार्यक्रम में जाती हैं। शिवानी कहती हैं कहीं भी जाती हूं लोग दादा का नाम सुनते ही जान जाते हैं। मुझे बहुत गर्व होता है सुनकर। मेरी कोशिश रहेगी कि उनकी प्रसिद्धि को प्राप्त तो नहीं कर पाऊंगी लेकिन उनके नाम को जरूर आगे बढ़ाती रहूंगी।बंधवापारा की रहने वाली रीनु यादव छठवीं में पढ़ती है। लिली चौक स्थित स्कूल में दुष्यंत द्विवेदी पंडवानी की प्रस्तुति देने आए थे। उनसे प्रेरित होकर रीनु ने पंडवानी सीखना तय किया। वे पढ़ाई और पंडवानी दोनों को साथ लेकर चलना चाहती हैं।
पिता देते हैं मंच पर गाने का मौका
सिंगनगढ़ कबीरधाम निवासी चौथी क्लास का गुलशन निषाद 5 मंचों में पंडवानी गा चुका है। गुलशन ने बताया कि पिता प्रहलाद निषाद के साथ जाता हूं। वे आधे कार्यक्रम की प्रस्तुति मुझे सौंप देते हैं। मंच पर पिता के साथ रहने से मेरा कॉन्फिडेंस बना रहता है और मैं बेहतर प्रस्तुति दे पाता हूं।
तीजन बाई और मीना साहू हैं आइडियल
कुशालपुर की संध्या तिवारी क्लास 7 की छात्रा है। स्कूल में आयोजन में पंडवानी सुनने के बाद सीखना शुरू किया। तीजन बाई और मीना साहू मेरी आइडियल हैं। जब मैंने सुना कि मीना साहू हमको सिखाने आ रही हैं तो मैं एक्साइटेड थी। 9 फरवरी को तीजन बाई के दर्शन को लेकर काफी उत्साहित हूं।