कैंसर की मिलती है सटीक जानकारी विशेषज्ञों का कहना है कि इस मशीन से कैंसर की मुख्य वजह क्या है, मरीज के शरीर में कहां-कहां और कितना फैला हुआ है, इसकी सटीक जानकारी मिलती है। प्रदेश के किसी भी सकरारी अस्पताल में पेट सीटी मशीन की सुविधा नहीं होने की वजह से मरीजों को निजी अस्पताल जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जिनी अस्पतालों में मरीजों से इस जांच के लिए २५ से ३० हजार रुपए वसूले जाते हैं। एम्स और आंबेडकर में आयुष्मान कार्ड से यह जांच मुफ्त में होगी।
२-३ दिनों में एआरबी से मंजूरी मिल जाएगी, सभवत: अगले सप्ताह से मरीजों को इसका लाभ मिलने लगेगा। एम्स से बिना इलाज के कोई मरीज न लौटे इसकी पूरी व्यवस्था की जा रही है।
डॉ. करन पिपरे, अधीक्षक, एम्स, रायपुर कंपनी को सारी प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। उम्मीद है कि अगले माह से पेट सीटी मशीन शुरू हो जाएगा। आंबेडकर में दिन-प्रतिदिन मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
डॉ. विवेक चौधरी, अधीक्षक, आंबेडकर अस्पताल, रायपुर