READ MORE : छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला: 2 अगस्त से खुलेंगे कॉलेज और 10वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल बस्तर के सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी का कहना है कि यह युद्ध क्षेत्र में काम करते हैं। हम पर दोनों तरफ से नजर रखी जाती है, लेकिन
सरकार से यह आशा नहीं थी। उनका कहना है कि यदि केंद्र सरकार कानूनी रूप से नजर रखें तो कोई बात नहीं, लेकिन दुखद है कि यदि कानून बनाने वाले खुद कानून तोडऩे में लगे, तो उन्हें कौन बचाएगा।
READ MORE : सुकमा में नक्सलियों ने 34 आदिवासियों का किया अपहरण, आंकड़ों में उलझी पुलिस उन्होंने कहा, हमारे पास छिपाने को कुछ नहीं है। हम तो शांति की बात करते हैं।
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन समिति से जुड़े आलोक शुक्ला का कहना है, हम पर तो 2019 से नजर रखी जा रही है। वाट्सऐप ने तो हमें इसकी जानकारी भी दी थी। शुक्ला का दावा है कि
छत्तीसगढ़ से छह से सात लोगों पर नजर रखी जा रही है।