मठपुरैना में जिस जगह पर 100 बिस्तरों का अस्पताल बनाने का प्लान है वहां काबिज अतिक्रमण को भी निगम द्वारा हटा दिया गया है। जमीन नजूल है कि इसलिए जमीन को हस्तांतरण स्वास्थ्य विभाग को अभी तक नहीं किया गया है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ का कहना है कि कलक्टे्रट से अभी तक जमीन ही नहीं मिली है, तो अस्पताल निर्माण के लिए प्रस्ताव किस आधार पर बना कर दें, वहीं कलक्टर का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल भवन के निर्माण के लिए प्रस्ताव ही नहीं दिया है, मामला लंबित है।
मठपुरैना में जहां अस्पताल बनाना है, वहां की जमीन हस्तांतरित ही नहीं हुई है, तो किस आधार पर प्रस्ताव बनाकर देंगे।
रायपुर
अस्पताल बनाने के लिए सीएमएचओ ने अभी तक प्रस्ताव ही नहीं दिया है। इसलिए अस्पताल भवन बनाने का मामला लंबित है। जैसे ही प्रस्ताव आएगा, अस्पताल भवन बनाने संबंधित विभाग को अनुमति दी जाएगी।
[typography_font:14pt;” >ओपी चौधरी, कलक्टर
गुढि़यारी में भवन तैयार
राज्य शासन ने अपने पिछले दोनों बजट में गुढि़यारी और मठपुरैना में 100-100 बिस्तर का अस्पताल खोलने की घोषणा की थी। गुढि़यारी में तो नगर निगम के पुराने जोन कार्यालय को अस्पताल भवन में तब्दील कर दिया गया है, लेकिन यहां अभी तक अस्पताल ही शुरू नहीं हुआ है।
मठपुरैना में नजूल की जिस जगह पर अस्पताल बनाना प्रस्तावित हैं, वहां फिर से अतिक्रमणकारियों की नजर पड़ी हुई है। नगर निगम ने एक साल पहले वहां काबिज अतिक्रमणकारियों का अतिक्रमण हटाकर कुछ लोगों को बीएसयूपी में मकान दिए थे। अतिक्रमण हटाने के लिए कलक्टर ने संबंधित लोगों के पट्टे भी निरस्त किए थे।