
पेट्रोलियम पर वैट घटा, फिर भी देने होंगे पेट्रोल पर 2 और डीजल पर 1 रुपए अधिक
रायपुर. राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट 25 फीसदी से घटाकर 21 फीसदी तो कर दिया है, लेकिन अलग से लगाएं गए उपकर (सेस) को कायम रखा है। यानी हर ग्राहक को प्रति लीटर पेट्रोल में 2 रुपए और डीजल में 1 रुपए अतिरिक्त राशि खर्च करनी ही पड़ेगी।
राज्य सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों में वैट घटाया, लेकिन उपकर में राहत नहीं दी है। 2 साल पहले राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल में अलग से उपकर लगाकर अपने राजस्व में वृद्धि की थी। पेट्रोल में 2 रुपए और डीजल में 1 रुपए सेस अलग से लगाया गया था। इसकी वजह से सीधे तौर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में सीधे तौर पर बढ़ोतरी हो गई।
कीमत बढऩे से 50 से 60 करोड़ अतिरिक्त राजस्व: पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढऩे के बाद राज्य सरकार को हर महीने 50 से 60 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हो रही है, जिस तरह पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही है। उसी तरह राज्य कर विभाग के राजस्व में भी इजाफा हो रहा है। 70 रुपए पेट्रोल होने पर राज्य सरकार को राजधानी से हर महीने 17.50 करोड़ का राजस्व मिलता था, जो कि अब 20 करोड़ हो चुका है, वहीं डीजल 60 रुपए होने पर हर महीने 30 करोड़ का राजस्व मिलता था, अब डीजल 80 रुपए होने पर अब हर महीने 40 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति हो रही है।
विभाग ने कहा- 375 करोड़ का होगा नुकसान
राज्य कर विभाग का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों में 4 फीसदी वैट घटाने से विभाग को लगभग 375 करोड़ रुपए का नुकसान होगा, जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के बाद विभाग के राजस्व में वृद्धि हो रही है। इसलिए इसे घाटा नहीं कहा जा सकता।
वैट कम करने पर बढ़ेगी खपत
ट्रांसपोर्टस एसोसिएशन के मुताबिक पेट्रोल-डीजल में वैट कम करने से नजदीकी राज्यों की गाडिय़ां छत्तीसगढ़ से पंपों से पेट्रोलियम पदार्थो की खरीदी करेगी, लिहाजा खपत बढ़ेगी। पेट्रोल-डीजल में वैट 25 फीसदी होने से छत्तीसगढ़ में आने वाली गाडिय़ां अन्य सरहदी इलाकों से पेट्रोलियम पदार्थ खरीदती थी।
शहर में पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री
पेट्रोल- 90 लाख से 1 करोड़ लीटर (प्रति महीने)
डीजल- लगभग 2 करोड़ लीटर (प्रति महीने)
पेट्रोल की कुल बिक्री- 84 करोड़ रुपए (प्रति महीने)
डीजल की कुल बिक्री- 81 करोड़ रुपए (प्रति महीने)
विभाग को पेट्रोल से राजस्व- 20 करोड़ 10 लाख (प्रति महीने)
विभाग को डीजल से राजस्व- 40 करोड़ 50 लाख (प्रति महीने)
(नोट-आंकड़े पेट्रोलियम डीलर्स एसो. और वैट विशेषज्ञों से मिली जानकारी के मुताबिक)
उपकर और वैट
पेट्रोल में उपकर- 2 रुपए प्रति लीटर
डीजल में उपकर- 1 रुपए प्रति लीटर
पेट्रोल में वैट- 25 से घटकर 21 फीसदी
डीजल में वैट- 25 से घटकर 21 फीसदी
पेट्रोल-डीजल में वैट घटने से खपत बढ़ेगी। राज्य में वैट कम होने की वजह मालभाड़ा में भी महंगाई का असर कम होगा। वैट कम होने से ट्रांसपोर्टिंग और अन्य सेक्टर में आम लोगों को फायदा मिलेगा।
अमर परवानी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स
पेट्रोल-डीजल में वैट घटाने से आम लोगों को राहत मिलेगी, लेकिन अलग से लगाएं गए उपकर में राहत देने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलती।
महेश शर्मा, सचिव, सेल टैक्स बार काउंसिल, छत्तीसगढ़
राजधानी में हर महीने लगभग 90 लाख से 1 करोड़ लीटर पेट्रोल और डीजल में लगभग 2 करोड़ लीटर हर महीने की खपत है। जिले में पेट्रोल पंपों की संख्या 100 के आस-पास है
अभय भंसाली, सचिव, रायपुर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन
Published on:
05 Oct 2018 11:03 am
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