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अनुच्छेद 21 में दिए जीवन की स्वतंत्रता का उल्लंघनसुनवाई के दौरान जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि बर्खास्तगी आदेश पारित करने से पहले मामले की पूर्ण विभागीय जांच की जानी थी। फोन पर बात के आधार पर कार्रवाई अनुच्छेद 21 में दिए जीवन व स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का उचित अवसर देकर और प्राकृतिक न्याय के नियमों के पालन के बाद विभाग उचित आदेश पारित कर सकता है।
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रायपुर के मौदहापारा थाने का मामलारायपुर के मौदहापारा थाने के प्रधान आरक्षक तोमन लाल साहू और आरक्षक चंद्रभान सिंह भदौरिया की एक मामले में कुख्यात अपराधी छोटा अन्नु उर्फ अनवर से बातचीत की सीडी वर्ष 2011 में तत्कालीन गृहमंत्री के पास भेजी गई थी। मामला उछलने पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने दोनों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। दोनों ने वकील डॉ निर्मल शुक्ला व आरके केशरवानी के माध्यम से याचिका दायर कर कार्रवाई को चुनौती दी। हाईकोर्ट ने कार्रवाई को निरस्त कर दिया।