इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस बल के साथ झूमाझटकी भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने बैरिगेट तोड़ दिए और वहां प्रदर्शन के साथ नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों का उग्र रवैया देख पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग कर उन्हें खदेडऩा शुरू किया। इस दौरान पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर डीडी नगर थाने ले आई।
खबरों के अनुसार पुलिस आंदोलन के तहत विभिन्न जिलों से पुलिस परिवार की दो सौ से अधिक महिलाओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं रायपुर में धरनास्थल पहुंचने से पहले करीब 100 महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उधर, पुलिसकर्मियों के परिवार वालों के आंदोलन के समर्थन में उतरी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे शहर अध्यक्ष विकास उपाध्याय और पंकज शर्मा को गिरफ्तार कर जेल ले जाया गया। इस दौरान विकास उपाध्याय ने कहा कि पुलिसकर्मियों के परिजनों के आंदोलन और उनकी मांगों को जायज ठहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पुलिसकर्मियों के परिजनों के आंदोलन के साथ खड़ी है। लेकिन उनके आंदोलन को खत्म करने के लिए राज्य सरकार अनैतिक रूप से गिरफ्तार कर रही है।
पुलिस लाइन में खामोशी पहरे के बीच नजरबंद हुए पुलिस परिवार
इससे पहले पुलिसकर्मियों के परिवार के आंदोलन विफल बनाने के लिए पुलिस महकमे के अधिकारियों ने एक दिन पहले यानि रविवार को ही सख्ती करनी शुरू कर दी थी। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने रविवार को आंदोलन को तोडऩे के लिए पुरजोर तैयारी कर ली थी।
इधर, रविवार को रायपुर के पुलिस लाइन में पसरी खामोशी भी आम दिनों से अलग रही। एेसा लग रहा था मानो यह खामोशी तूफान आने से पहले की है। राजधानी में पुलिस परिवार द्वारा एेलान किए गए महाधरना को रोकने की जिम्मेदारी खुद राजधानी के पुलिस अधीक्षक ने संभाल रखी है। जिन पुलिसकर्मियों के परिवार प्रदर्शन में शामिल होंगे, उन्हें सरकारी आवास से बेदखल करने फरमान जारी कर दिया गया है। (वीडियो दिनेश यदु द्वारा)