उल्लेखनीय है कि बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा सहित अन्य माओवाद प्रभावित इलाकों में सहायक आरक्षकों की नियुक्ति की गई है। इन्हें वेतन के नाम पर 9 हजार रुपए दिया जाता है। इसके अलावा अन्य सुविधाएं नहीं दी जाती हैं। सहायक आरक्षक माओवादी मामलों में काफी जानकारी होते हैं। इसके अलावा पुलिसकर्मियों का डीए, वेतन विसंगति, साप्ताहिक अवकाश आदि मांगे हैं, जिन्हें अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। इससे पुलिसकर्मियों में खासी नाराजगी है।
सुबह से जारी थी धरपकड़
पुलिस आंदोलन को सफल बनाने धमतरी, सुकमा, गरियाबंद, दंतेवाड़ा आदि जिलों से बड़ी संख्या में पुलिस परिवार की महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग पुलिस मुख्यालय घेरने निकले थे। इसकी भनक लगते ही रायपुर पुलिस ने सभी प्रमुख मार्गों पर टीम तैनात कर दी थी। और धरपकड़ शुरू कर दिया था। देर रात तक सभी को सप्रे शाला में रखा गया था।